ऐतिहासिक मानव श्रृंखला में किसानों, पशुपालको, मत्स्यपालकों की भागीदारी के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने का दिया गया निदेश -डाॅ॰ प्रेम कुमार

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित कृषि विभाग की विभागीय सभागार में जल-जीवन-हरियाली और नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा को मिटाने के लिए मानव श्रृंखला बनाने हेतु एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार, कृषि निदेशक श्री आदेश तितरमारे, विशेष सचिव श्री रवीन्द्र नाथ राय सहित कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
माननीय मंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि 19 जनवरी, 2020 बिहार में जल-जीवन-हरियाली और नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा को मिटाने के लिए मानव श्रृंखला बनाया जायेगा। पहली मानव श्रृंखला नशा-मुक्ति पर आधारित था, जबकि दूसरा मानव श्रृंखला बाल विवाह एवं दहेज प्रथा से समाज को मुक्त करने हेतु बनाया गया था। ग्लोबल वार्मिग के कारण जलवायु परिवर्Ÿान की समस्या उत्पन्न हुई है। जलवायु परिवर्Ÿान के कारण पर्यावरण के साथ-साथ कृषि के समक्ष भी गंभीर चुनौतियां उत्पन्न हुई है। इस बार के मानव श्रृंखला में पहले दोनों सामाजिक संदेश के साथ-साथ जल-जीवन-हरियाली को भी शामिल किया गया है। इसके लिए 24 हजार करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न योजनाएँ प्रारंभ की गई है। परन्तु कोई भी योजना व्यापक जन-भागीदारी के बिना सफल नहीं हो सकती है।
माननीय मंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली में कृषि विभाग की अहम भूमिका है, क्योंकि कृषि विभाग के चार महत्वपूर्ण कार्यक्रमों यथा- जैविक कोरिडोर योजना, मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाने, सूक्ष्म सिंचाई योजना का विस्तार तथा जल का संचयन एवं इसके स्रोतों का संरक्षण से संबंधित योजनाएँ को जल-जीवन-हरियाली अभियान का अवयव बनाया गया है। इसलिए मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक कृषि विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी बढ़-चढ़कर स्वेच्छा से मानव श्रृंखला को विश्व रिकाॅर्ड बनाने में अपना सहयोग दें। सभी जिला कृषि पदाधिकारी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु किसानों को अपने प्रसार तंत्र के माध्यम से प्रोत्साहित करें।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि इस मानव श्रृंखला में कृषि विभाग द्वारा ‘‘जैविक खेती अपनाना है, पानी और मिट्टी बचाना है’’ तथा ‘‘जहाँ हरियाली, वहीं खुशहाली’’ जैसे नारों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
 

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