खेत में जल संचयन एवं कृषि प्रबंधन योजना हेतु सरकार द्वारा दिया जायेगा अनुदान .डाॅ॰ प्रेम कुमार

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में खेत में जल संरक्षण से फसल, बागवानी एवं वानिकी विकास कार्यक्रम के तहत वर्षाश्रित/कम पानी वाले क्षेत्रों के व्यक्तिगत किसान अथवा किसान समूह (कृषक उत्पादक संगठन/स्वयं सहायता समूह/किसान हित समूह आदि) को एक एकड़ खेत के लिए यथास्थान जल संरक्षण तथा समेकित कृषि प्रणाली के लिए सहायता दी जायेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता को दो वर्गोे में वर्गीकृत किया गया है। वैसे किसान जो न्यूनतम एक एकड़ भूमि में इस येाजना का क्रियान्वयन करना चाहते हैं, उन्हें व्यक्तिगत श्रेणी में रखा गया हैं, जबकि दूसरा श्रेणी सामूहिक श्रेणी है, जिसके अंतर्गत छोटे जोत के एक से ज्यादा किसान समूह बनाकर एक एकड़/एक इकाई के लिए इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वैसे समूह, जो इस योजना में मात्र जल संचयन की योजना (मेड़बन्दी) पाँच हेक्टेयर से अधिक रकवा में एक साथ लेने के लिए इच्छुक हैं, उन्हें शत्-प्रतिशत वास्तविक लागत के अनुरूप अनुदान देय होगा। इस श्रेणी में जीविका समूह एवं एफ॰पी॰ओ॰ को भी लाभ दिया जायेगा। 
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य के इच्छुक किसान/किसान समूह जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत खेत में जल संचयन एवं कृषि प्रबंधन योजना के लिए डी॰बी॰टी॰ पोर्टल पर आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत कृषि विभाग को अब तक 24 सौ से अधिक किसानों/किसान समूह द्वारा आॅन-लाईन आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसान भाई-बहन राज्य में जल संचयन, पानी का संतुलित उपयोग तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति काफी जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि जल संचयन की योजना वर्ष 2019-20 में 10 हजार एकड़ में कार्यान्वित की जायेगी। यह योजना एक एकड़ खेत को एक इकाई मानकर कार्यान्वित की जायेगी, जिसमें जल संचयन के चिह्नित 6 माॅडलों में से किसानों द्वारा अपनी इच्छा से किसी एक माॅडल पर कार्य कराया जा सकेगा तथा शेष भूमि में शष्य, सब्जी फसल, फलदार वृक्ष, कृषि वानिकी एवं बायो-फेसिंग के घटक के रकवा का निर्धारण करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसके लिए आच्छादित रकवा के अनुसार समानुपातिक अनुदान देय होगा। इस योजना के अंतर्गत एक किसान को 75,500 रूपये प्रति एकड़ का अनुदान देय होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। इस योजना के लिए आवेदन प्राप्ति एवं स्वीकृति की प्रक्रिया आॅन-लाईन होगी। इस योजना के बारे में विशेष जानकारी कृषि विभाग के वेबसाईट ीजजचेरूध्ध्कइजंहतपबनसजनतमण्इपींतण्हवअण्पद उपलब्ध है। 
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन से किसानों के फसलों के सिंचाई करने में सुविधा होगी तथा भू-जल स्तर में सुधार होगा। इससे फसल के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं किसानों की आमदनी बढ़ेगी। 
 

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फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों के लिए आवेदन करने की तिथि बढ़ाई गई एवं 15 फरवरी तक किसान इसके लिए कर सकते हंै आॅन-लाईन आवेदन -डाॅ॰ प्रेम कुमार

गया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग एवं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 'एग्रीकल्चर एंड रिवर्स माइग्रेशन इन बिहार- चैलेंजेज एंड रेमेडीज ' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार हुआ |