माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि सब मिशन आॅन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजना के अन्तर्गत कृषि विभाग की ओर से कृषक बन्धुओं को भाड़े पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी जिलों में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की जायेगी। राज्य के कम कृषि शक्ति उपलब्धता वाले क्षेत्रों में यांत्रिकरण कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए लघु एवं सीमांत कृषकों तथा बटाईदारों तक यांत्रिकरण को विस्तारित करने के उद्देश्य से कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत 10 लाख, 25 लाख एवं 40 लाख रू॰ तक की लागत से कस्टम हायरिंग हेतु कृषि यंत्र बैंक तथा 80 लाख रूपये की लागत वाले दो हाईटेक हब की स्थापना किया जाना है। कृषि विभाग द्वारा इन सभी कृषि यंत्र बैंक/हाईटेक हब की स्थापना पर 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा चयनित ग्रामों में 10 लाख रूपये तक की लागत से कृषि यंत्र बैंकों की स्थापना की जानी है जिसमें 80 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। प्रगतिशील कृषकों को योजना का लाभ मात्र 40 प्रतिशत अनुदान वाले कृषि यंत्र बैंक/हाईटेक हब स्थापित करने के लिए दिया जायेगा। 10 लाख रूपये तक के इन दोनों कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने हेतु 40 हार्स पावर तक के ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 25 लाख रूपये अथवा इससे अधिक लागत मूल्य वाले कृषि यंत्र बैंक हेतु क्रय किये गये कृषि यंत्रों का बीमा कराना अनिवार्य है।
माननीय मंत्री ने कहा कि कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने के इच्छुक जीविका के ग्राम संगठन/आत्मा से संबद्ध फार्मर्स इन्टरेस्ट ग्रुप/नाबार्ड एवं राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब/स्वयं सहायता समूह/पैक्स/व्यापार मंडल/कृषि यंत्र निर्माता/उद्यमी/सी॰एल॰एफ॰ द्वारा विहित प्रपत्र में जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदन कर सकते हैं। आवेदक समूह को कम-से-कम एक वर्ष तक लगातार कृषि के क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए। आवेदन का विहित प्रपत्र कृषि विभाग के बेवसाईट ूूूणतपेीपण्इपीण्दपबण्पद या जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
डाॅ॰ कुमार ने किसान भाइयों एवं बहनों से अपील किया कि सरकार की इस योजना का अधिक-से-अधिक लाभ उठायें। इस योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी/जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।