कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में लगभग 250 किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) का गठन होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू है। इससे छोटे किसानों को भी बड़ा बाजार मिलेगा। शुरुआती दौर में संगठन में एक हजार किसान शामिल किए जाएंगे।
कृषि मंत्री शनिवार को बामेति में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। आयोजन एफपीओ के गठन को लेकर किया गया था। कार्यशाला में एफपीओ संचालक संस्थाओं, विशेषज्ञों व जिलों के प्रगतिशील किसानों के साथ विचार-विमर्श हुआ। मंत्री ने कहा कि एफपीओ के गठन का उद्देश्य छोटे उत्पादकों को एकजुट कर समूह के माध्यम से उनके हितों का संरक्षण करना है। किसानों व्यक्तिगत रूप से फसलों की खेती करते हैं। छोटी जोत के कारण उनके उत्पाद काफी कम होते हैं। लिहाजा वह बड़े बाजारों में नहीं जा पाते। बिचौलिए के माध्यम से या स्थानीय बाजार में ले जाकर उत्पादों बिक्री की जाती है। समूह का गठन हो जाने से उनके पास उत्पाद की मात्रा अधिक होगी और बड़े व्यापारी उनसे जुड़ने लगेंगे। उन्हें आयकर में भी छूट मिलेगी।
उधर, आत्मा योजना में भी 20-25 किसानों को मिलाकर किसान हित समूह एवं महिला किसान समूहों का गठन किया जा रहा है, लेकिन इन समूहों में किसानों की संख्या कम होने के कारण उनके उत्पाद भी बहुत ज्यादा नहीं होते हैं इस कारण से उन्हें बड़ा बाजार नहीं मिल पाता है, लेकिन एफपीओ के गठन से उन्हें इसमें लाभ होगा। जैविक खेती करने वालों को तो बहुत लाभ की उम्मीद है।
कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त सुनिल कुमार सिंह, प्रधान सचिव सुधीर कुमार, उद्यान निदेशक अरविन्दर सिंह, पीपीएम निदेशक धनंजयपति त्रिपाठी व बामेति के निदेशक गणेश राम उपस्थित थे।