माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों को कौशल विकास मिशन के अंतर्गत कुल 23 पाठ्यक्रमों यथा मशरूम उत्पादक, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक, मधुमक्खीपालन, बीज उत्पादक, गार्डेनर, रूफ टाॅप गार्डेनर, फ्लोरिकल्चरिस्ट, बीज विश्लेषण, कृषि यंत्र संचालन, मरम्मति एवं रख रखाव, माइक्रो इरिगेशन आदि में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 7,230 युवकों/युवतियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक कुल 90 युवकों/युवतियों को कौशल विकास हेतु प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा कुल 180 युवकों/युवतियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गत वर्ष 2018-19 में कुल 3612 युवकों/युवतियों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया गया था।
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवक/युवतियों तथा किसानों को उनके कौशल ज्ञान की गुणवत्ता बढ़ाने तथा पेशेवर ज्ञान प्रदान करने के लिए विकास आयुक्त, बिहार की अध्यक्षता में बिहार कौशल विकास मिशन का गठन किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवक/युवतियों तथा किसानों को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से पेशेवर ज्ञान प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार/रोजगार प्राप्त करने के लिए दक्षता प्रदान करना है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन से राज्य के बेरोजगार युवकों/युवतियों तथा प्रगतिशील किसानांे को कृषि क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण मिलने से कुशल तकनीक एवं व्यावसायिक योग्यता/क्षमता का विकास होगा। उन्हें कौशल प्रशिक्षणोपरान्त रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध होगा। इससे राज्य में कुशल कामगारों का एक सतत् पूल विकसित किया जा सकेगा, ताकि आने वाले समय में औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को उनकी माँग के अनुरूप कुशल कारीगर उपलब्ध हो पायेगा तथा प्रतिष्ठानांे में गुणवत्तापूर्ण सामग्री/उपादान का निर्माण हो सकेगा। इससे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित किया जायेगा तथा विशेषज्ञों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण तथा अद्यतन तकनीकी ज्ञान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे किसानों के फसलांे के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुढ़ृढ होगा तथा उनका रहन-सहन का स्तर ऊँचा होगा।