माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार फल एवं सब्जी उत्पादक प्रमुख राज्य है। पूरे देश में सब्जी उत्पादन में हम तीसरे एवं फल के उत्पादन में छठे स्थान पर हैं। राज्य में बागवानी विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित मिशन आॅन इन्टीग्रेटेड डेवलपमेंट आॅफ हाॅर्टिकल्चर के साथ-साथ मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना तथा बागवानी पर आधारित राज्य योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इसके साथ ही, बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना, घरों की छत पर बागवानी विकास की योजनाएँ पुराने पाॅली हाउस का जीर्णोद्धार योजना, सब्जी/मषाला उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु तकनीकी हस्तक्षेप, शेडनेट के अन्दर पान की खेती, मखाना विकास योजना, सहजन की खेती को विस्तार देने की योजना के तहत् राज्य के किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा तकनीक को अपनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। बागवानी फसलों के क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं। वर्ष 2019-20 में 23 जिलों के लिए 14 बागवानी फसल चिह्नित किये गये हेैं तथा इन जिलों में फसल विशेष के विकास के लिए बिहार विशेष उद्यानिक फसल योजना शुरू की गयी है। किसानों को फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी में संगठित किया जा रहा है। फार्मर प्रोड्यूसर संगठन को उत्पादन के पश्चात् ऊपज के उचित रख-रखाव, मूल्य संवर्धन, शाॅर्टिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग तथा प्राईमरी प्रोसेसिंग के लिए आधारभूत संरचना निर्माण हेतु 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। 10 लाख रूपये की योजना में मात्र 1 लाख रूपये किसानों लगाना होगा, शेष 9 लाख रूपये सरकार अनुदान के रूप में देगी।
माननीय मंत्री ने कहा कि बागवानी विकास योजनाओं के तहत् वर्ष 2019-20 में 585 हेक्टेयर क्षेत्र में आम, 24 हेक्टेयर में अमरूद, 98 हेक्टेयर में लीची, 1383 हेक्टेयर में टिशू कल्चर केला, 91 हेक्टेयर में पपीता, 11 हेक्टेयर में स्ट्राॅबेरी के नये बागान की स्थापना के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गयी है। बागवानी विकास योजनाओं में इस वर्ष 70 हजार मधुमक्खी बक्से किसानों को दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार किसानों को अनुदान दे रही है। राज्य में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 40 हजार वर्गमीटर में शेडनेट तथा 40 हजार वर्गमीटर में पाॅली हाउस की स्थापना की जा रही है। राज्य में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस वर्ष 150 हेक्टेयर में मखाना की खेती के लिए किसानों को सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। ताजे फल एवं सब्जियों को इच्छित तापमान पर संरक्षित रखने हेतु सौर ऊर्जा से संचालित नयी तकनीकी युक्त पोर्टेबुल सोलर कोल्ड रूम की योजना ली गई है जिसकी इकाई लागत 13.00 लाख रूपये का 50 प्रतिशत अनुदान दी जा रही है। ड्रिप तथा स्प्रींक्लर सिंचाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ड्रिप सिंचाई पर 90 प्रतिशत तथा स्प्रींक्लर सिंचाई पर 75 प्रतिशत अनुदान किसानों को उपलब्ध करा रही है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि वर्ष 2020-21 में उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना के अतिरिक्त राज्य योजना का कार्यान्वयन किया जायेगा। किसानों को नये बागानों की स्थापना के लिए आर्थिक एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। क्लस्टर के आधार पर बागवानी फसलों के विकास पर बल दिया जायेगा।