माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में रबी 2019-20 मौसम के मार्च, 2020 को असमय वर्षा के कारण खड़ी फसलों को हुई क्षति के आकलन करने का निदेश सभी जिला कृषि पदाधिकारी एवं प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक (शष्य) को दिया गया।
माननीय मंत्री ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार दिनांक 13 मार्च, 2020 के पूर्वाह्न 08ः00 बजे से दिनांक 14 मार्च, 2020 के पूर्वाह्न 08ः00 बजे के बीच 15.6 मिलीमीटर वर्षापात हुआ है, जबकि सामान्य वर्षापात इस अवधि में मात्र 0.2 मिलीमीटर ही होनी चाहिए। असमय वर्षापात से खेतों में तैयार दलहनी, तेलहनी फसलों के साथ-साथ गेहूँ फसल को भी नुकसान की सूचना प्राप्त हो रही है।
उन्होंने कहा कि सभी किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निदेशित किया गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र के सभी किसानों के फसलों की वास्तविक स्थिति तथा क्षति का आकलन कर विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। असमय वर्षापात तथा जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार दृढ़संकल्पित है। आपदा की स्थिति में सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि फरवरी माह में असमय वर्षा/आँधी/ओलावृष्टि के कारण खड़ी फसलों को हुई क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिवेदित 11 जिलों औरंगाबाद, भागलपुर, बक्सर, गया, जहानाबाद, कैमूर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर तथा वैशाली में प्रभावित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रक्रिया चल रही है।