माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार द्वारा आई॰सी॰सी॰ के सहयोग से आयोजित एग्रो बिहार, 2019 राज्यस्तरीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का आज तीसरा दिन है। इन तीन दिनों में राज्य के किसान भाई-बहन बड़ी मात्रा में पूरे जिज्ञासा एवं उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग लिए। किसान भाई-बहन द्वारा इस मेला में विभिन्न प्रकार के बड़े एवं छोटे कृषि यत्रों की खरीददारी बड़ी मात्रा में गई है। सरकार द्वारा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है। इस मेले में किचेन गार्डेन के उपयोग में आने वाले छोटे कृषि यंत्रों से लेकर कम्र्बाइंड हार्वेस्टर तक बड़े यंत्र उपलब्ध हंै। यह मेला किसान भाई-बहनों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक सिद्ध हो रहा है। कल इस मेला का आखिरी दिन है, इसलिए राज्य के किसान भाईयों एवं बहनों से अपील है कि इस प्रदर्शनी में आकर इसका लाभ उठायें।
इस मेला में कृषि विभाग द्वारा गठित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति की ओर से श्री गणेश कुमार, निदेशक, पी॰पी॰एम॰, श्री सुधीर कुमार मिश्रा, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण, श्री संजय कुमार सिंह, उप निदेशक (रसायन), केन्द्रीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला तथा डाॅ॰ राजेश कुमार, सहायक निदेशक (शष्य), सूचना द्वारा कृषि विषयों पर आधारित एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस क्विज प्रतियोगिता में राज्य के 19 जिलों के 57 कृषि समन्वयकों ने भाग लिया। इस क्विज प्रतियोगिता में मुजफ्फरपुर जिला प्रथम, पटना जिला द्वितीय एवं औरंगाबाद जिला तृतीय स्थान पर रहे। साथ ही, नवादा एवं कटिहार जिला को भी सांत्वना पुरस्कार दिया गया। विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप मोमेन्टो एवं प्रशस्ती-पत्र प्रदान किया गया।
आज इस मेला में पटना, अररिया, कैमूर, पू॰ चम्पारण, सीतामढ़ी, बेगूसराय, शेखपुरा, किशनगंज, कटिहार एवं अरवल जिले के किसानों द्वारा कृषि यंत्रों का क्रय किया गया। इस प्रदर्शनी-सह-मेला में तीन दिनों में राज्य के किसानों के बीच अब तक 24 कम्बाईन हार्वेस्टर, 49 रीपर-कम-बाईन्डर, 49 जीरोटिलेज, 5 पावर टीलर, 328 रोटावेटर, 119 थ्रेसर, 7 एम.बी. प्लाऊ, 16 स्ट्रा रीपर/स्ट्रा कम्बाईन, 181 चैफकटर, 8 मिनी रबर राईस मिल, 49 कल्टीवेटर, 230 पम्पसेट, 26 विद्युत मोेटर, 75 पावर स्प्रेयर, 58 डिस्क हैरो, 5 रीजर/ट्रेंचर आदि कृषि यंत्रों के क्रय पर 5,34,33,900 रूपये अनुदान के रूप में वितरित किये गये, जिसमें आज 1,47,20,400 रूपये अनुदान दिये गये।
इस प्रदर्शनी-सह-मेला में आज तक राज्य के 24 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से राज्य के अंदर प्रशिक्षण-सह-परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत् आज इस मेला में 10 जिले पटना के 250, अररिया के 173, कैमूर के 147, पू॰ चम्पारण के 144, सीतामढ़ी के 224, बेगूसराय के 118, शेखपुरा के 82, किशनगंज के 94, कटिहार के 212 एवं अरवल के 79 यानि कुल 1719 किसानों को लाया गया। इस मेले में किसी तरह का प्रवेष शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। इस मेला-सह-प्रदर्षनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्षन किया जा रहा है। कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं।
मेला परिसर में संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को श्री जय प्रकाश नारायण, संयुक्त निदेशक (कृषि अभियंत्रण), बिहार द्वारा कृषि यांत्रिकरण से संबंधित विभाग की योजनाएँ, अनुदान एवं प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। पाठशाला में डाॅ॰ कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज के कृषि वैज्ञानिक ई॰ एम॰के॰ शर्मा द्वारा पौधा संरक्षण यंत्रों तथा खरपतवार नियंत्रण एवं फसलों के निकाई-गुराई से संबंधित कृषि यंत्र के प्रयोग, उपयोगिता एवं उनके रख-रखाव के बारे में किसानों को बताया गया। डाॅ॰ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसानों को फसलों की कटाई के उपरान्त प्रसंस्करण तथा मूल्यसंवर्द्धन से संबंधित यंत्रों की जानकारी, उपयोगिता एवं उनके प्रयोग विधि की जानकारी दी गई। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर के वैज्ञानिक ने पाठशाला में किसान को उत्तम पशुधन प्रबंधन से किसानों की समृद्धि के बारे में बताया।
संध्या में एग्रो बिहार के मुख्य मंच पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के माध्यम से श्री बृजमोहन सिंह द्वारा जादू का खेल दिखाया गया। अभिनय रंग मंडल, सुश्री प्रियंका कुमारी एवं प्रिया राज द्वारा प्रस्तुत लोकगीत दर्शकों का मन मोह लिया।
एग्रो बिहार, 2019 का मुख्य आकर्षण
लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में इस मेला में 100 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।
इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ भाग ले रहे हैं।
प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, शक्ति चालित कृषि यंत्र, छोटे-छोटे कृषि यंत्र, संसाधन संरक्षण तकनीक में कृषि यंत्रों की उपयोगिता, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण एवं भैल्यू एडिशन से संबंधित कृषि यंत्र, सूक्ष्म एवं ड्रिप सिंचाई यंत्र, खरपतवार नियंत्रक व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।
राज्य के विभिन्न जिलों से प्रतिदिन 2500 किसानों को आत्मा के माध्यम से सरकारी खर्चे पर मेला में लाने की व्यवस्था की गई है।
इस मेला में भारत सरकार, राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारीगण एवं वरीय वैज्ञानिकगण भी भाग ले रहे हैं।
आधुनिक कृषि यंत्रों के अतिरिक्त स्थानीय कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण/भैल्यू एडीसन कर रोजगार का अवसर प्रदान करने वाले छोटे-मंझोले यंत्र भी इस मेला में प्रदर्शित किये गये हैं।
राज्य के सभी जिलों में उन्नत कृषि यंत्रों के विक्रेता उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषकों को यंत्र क्रय करने में कठिनाई होती है। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं बिक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (बी॰ टू बी॰ मीट) का आयोजन भी किया गया है।
यंत्र निर्माताओं/विक्रेताओं की समस्या और उसके निराकरण हेतु बिजनेस-टू-गवर्नमेन्ट (बी॰ टू जी॰ मीट) का भी आयोजन किया जा रहा है।
इस मेला में पहली बार रूफ टाॅप गार्डेनिंगए पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खीपालन, उद्यान, भूमि संरक्षण, बीज, खाद, कीटनाशक दवा आदि से संबंधित प्रदर्शनी एवं स्टाॅल लगाये गए हैं।
स्थानीय बच्चों एवं कृषि महाविद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से मेला भ्रमण करने एवं क्वीज प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु उन्हें आमंत्रित किया गया है।
मेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन संध्या में प्रत्येक दिन किया जायेगा।
इस प्रदर्शन में आगंतुकों के लिए बिहारी ब्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।