कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार द्वारा आज गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार एवं आई॰सी॰सी॰ के सहयोग से आयोजित 14 से 17 फरवरी तक चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2020 राष्ट्रीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का समापन किया गया।
सचिव, कृषि विभाग ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की योजना का लाभ उठाया। इस प्रदर्शनी में लगभग 36 करोड़ रूपये के कृषि यंत्रों की बिक्री हुई, जिन पर राज्य के किसानों को 14,57,83,500 रूपये अनुदान दिया गया है। राष्ट्रीय स्तर के चार दिवसीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों की भी बिक्री बड़ी संख्या में हुई है, अबतक कुल 361 यंत्रों की बिक्री से यह पता लगता है कि राज्य के किसान पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक है। उन्होंने कहा कि इस साल इस प्रदर्शनी-सह-मेला का आयोजन सफल रहा। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग काफी अच्छा रहा। इस मेला में कृषि यंत्रों पर अनुदान देने वाले श्रेष्ठ तीन जिले पटना, मधुबनी और खगड़िया का प्रदर्शन सराहनीय रहा। इन तीनों जिलों में किसानों को क्रमशः 1,82,98,000, 1,25,65,000 एवं 1,09,20,000 रू॰ कृषि यत्रों पर अनुदान दिया गया है। इस प्रदर्शनी में चार दिनों में लगभग 32,000 लोग आये। इस वर्ष इस मेले का आयोजन काफी सुन्दर तरीके से किया गया। राज्य सरकार द्वारा राज्य में किसानों को 81 प्रकार के कृषि यंत्रों के क्रय पर 163.51 करोड़ रूपये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने इस मेला के आयोजन में सहयोग करने के लिए विभागीय एवं आई॰सी॰सी॰ के पदाधिकारियों/कर्मचारियों विशेषकर राज्य के किसान भाईयों एवं बहनों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से प्रदर्शन एवं बिक्री किया गया। सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई।
उन्होंने कहा कि आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में चार दिनों में राज्य के किसानों के बीच अब तक 20 हाई कैपेसिटी मल्टीक्राॅप थ्रेसर, 24 कम्बाईन हार्वेस्टर, 71 जीरोटिलेज, 37 पावर टीलर, 650 रोटावेटर, 205 थ्रेसर, 79 मल्टीक्राॅप थ्रेसर, 90 पैडी थ्रेसर, 10 सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, 451 चैफकटर, 5 मिनी रबर राईस मिल, 282 कल्टीवेटर, 1168 पम्पसेट, 3 पोटैटो प्लांटर, 5831 यूनिट सिंचाई पाईप, 3 पावर बीडर, 6 बुम स्प्रेयर, 360 स्प्रेयर, 165 डिस्क हैरो, 34 इलेक्ट्रिक मोटर आदि कृषि यंत्रों के क्रय पर 14,57,83,500 रूपये अनुदान के रूप में वितरित किये गये, जिसमें आज 2,67,58,500 रूपये अनुदान दिये गये।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि वर्ष 2011 से एग्रो बिहार राज्य स्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन प्रत्येक वर्ष पटना में किया जाता रहा है। इस मेले की विशेषता यह है कि यहाँ एक ही स्थान पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता-विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद होता है तथा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र भी मेला में उपलब्ध होते हैं। कृषि विभाग के इस पहल से राज्य के किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी लेने एवं उन्हें खरीदने का मौका मिलता है।
मेला परिसर में संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को विभागीय पदाधिकारियों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी तथा कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के वैज्ञानिकगणों द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फसल उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में आत्मा योजना के माध्यम से आज इस मेला में 13 जिले यथा- पटना के 170, दरभंगा के 375, मधुबनी के 440, समस्तीपुर के 420, सहरसा के 210, मधेपुरा के 270 तथा सुपौल के 230 यानि कुल 2,115 किसानों को भ्रमण पर लाया गया। इस मेला-सह-प्रदर्षनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्षन किया गया। कृषकों द्वारा बड़ी मात्रा में अपनी मनपसंद कृषि यंत्रों का क्रय कर सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ उठाये। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया गया।
संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
इस समारोह में सभी कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों को द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण-पत्र एवं मोमेन्टो प्रदान किया गया। इस अवसर पर निदेशक, भूमि संरक्षण श्री गणेश कुमार, नियंत्रक, माप एवं तौल श्री आदित्य नारायण राय, संयुक्त निदेशक (शष्य), उपादान डाॅ॰ ब्रजेश कुमार, अपर निदेशक (कृषि अभियंत्रण) श्री रविन्द्र कुमार वर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण श्री जय प्रकाश नारायण, संयुक्त निदेशक (शष्य), मगध प्रमंडल श्री आभान्शु सी॰ जैन, संयुक्त निदेशक (शष्य), दरभंगा प्रमंडल मो॰ नईम असरफ, संयुक्त निदेशक (शष्य), सहरसा प्रमंडल श्री यदुनन्दन प्रसाद, आई॰सी॰सी॰ के निदेशक श्रीमती मधुपर्णा भौमिक तथा आई॰सी॰सी॰ बिहार हेड श्री बालकृष्ण सिंह, कृषि विभाग एवं आई॰सी॰सी॰ के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण, कृषि यंत्र निर्माता/विक्रेता सहित बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे।
एग्रो बिहार, 2020 का मुख्य आकर्षण
लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 100 से अधिक स्टाॅल लगाये गये हंै।
इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
यहाँ प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, शक्ति चालित कृषि यंत्र, छोटे-छोटे कृषि यंत्र, संसाधन संरक्षण तकनीक में कृषि यंत्रों की उपयोगिता, प्रसंस्करण एवं भैल्यू एडिशन से संबंधित कृषि यंत्र, सूक्ष्म एवं ड्रिप सिंचाई यंत्र, खरपतवार नियंत्रक व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
किसान पाठशाला में राज्य के किसानों को प्रतिदिन प्रशिक्षित किया जा रहा है।
राज्य के सभी जिलों में उन्नत कृषि यंत्रों के विक्रेता उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषकों को यंत्र क्रय करने में कठिनाई होती है। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं बिक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B2B Meet & B2G Meet) का आयोजन भी किया जायेगा।
स्थानीय बच्चों एवं कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से मेला भ्रमण कराने हेतु उन्हें आमंत्रित किया गया है।
मेला परिसर में मुख्य मंच पर प्रत्येक दिन संध्या में कृषकों/दर्शकों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
मेले में बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।