बिहार के कृषि मंत्री डाॅ0 प्रेम कुमार ने कहा कि यह बजट किसान, गरीब एवं गाँवों के विकास को समर्पित बजट है। उन्होंने कहा कि इस बजट के इनकम सर्पोट प्रोग्राम के जरिए 2 हेक्टेयर तक की जमीन वाले किसानों को हर साल 6000 रूपये देने की घोषणा करने पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं माननीय वित्त मंत्री, श्री पीयूष गोयल जी को मैं कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूँ। बजट में सभी वर्गों, किसानों, मध्यम वर्ग, गरीब और महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में महत्ती भूमिका अदा करेगी।
माननीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है। इस ऐतिहासिक बजट में जिन किसान भाइयों एवं बहनों के पास 2 हेक्टेयर तक जमीन है, उन्हें हर साल 6000 रूपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह राशि किसानों के खाते में 3 किस्तों में 2-2 हजार रूपये दिये जायेंगे। इस साल मार्च से पहले किसानों के खाते में 2 हजार रूपये पहुँच जायेंगे। इस योजना के लिए शत्-प्रतिशत फंडिंग भारत सरकार द्वारा की जायेगी। इसका फायदा देश के 12 करोड़ किसान भाई-बहनों को मिलेगा। यह विशेषकर छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह योजना एक दिसम्बर, 2018 से ही लागू की जायेगी। किसान निधि योजना के लिए 75,000 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे आपदा की स्थिति में किसानों को काफी राहत मिलेगा। इसके लिए इतिहास में पहली बार 22 फसलों का एम॰एस॰पी॰ लागत का डेढ़ गुणा किया गया है। यह कृषि के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी एक्ट में 60,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। गायों के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन तथा 750 करोड़ रूपये राष्ट्रीय गोकुल योजना के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में एक लाख डिजटल गाँव का निर्माण किया जायेगा। सभी के लिए भोजन हेतु 1.7 लाख करोड़ रूपये आवंटित किया गया है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के लिए मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर उपनिवेशन तथा अतिरिक्त 3 प्रतिशत ब्याज उपनिवेशन अगर किसान समय पर ऋण चुका देते है।, का प्रावधान किया गया है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि गाँवों के विकास पर सरकार का विषेष ध्यान है। कुल मिलाकर इस बजट में ग्रामीण भारत पर फोकस किया गया है, क्योंकि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। इस बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक घोषणा की गई।