माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार द्वारा नया सचिवालय, विकास भवन, पटना स्थित विभागीय सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय बैंकर्स कमिटी की उपसमिति-1 (कृषि) की बैठक में बैंकों से संबद्ध कृषि विभाग की योजनाओं, किसान क्रेडिट कार्ड ऋण, कृषि यांत्रिकरण योजना, कृषि टर्म लोन आदि से संबंधित ऋण वितरण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही, इस बैठक में राज्य के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में बैंको द्वारा राहत कार्यों की अहम भूमिका पर चर्चा की गई।
माननीय मंत्री, कृषि द्वारा राज्य के सूखा प्रभावित प्रखंड क्षेत्रों में बैंकों द्वारा के॰सी॰सी॰ एवं अन्य कृषि ऋण में रिलीफ कार्य नहीं किये जाने पर खेद व्यक्त किया गया तथा बैंकों को निदेश दिया कि बैंक नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई कर सूखा प्रभावित प्रखंडों के किसानों को जल्द से जल्द ऋण में हर संभव राहत उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा रिलीफ कार्यों के लिए निर्धारित समय सीमा को बढ़ाने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र भेजा जाय।
माननीय मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा राज्य में चलाये जा रहे डी॰बी॰टी॰ अंतर्गत डीजल अनुदान एवं अन्य योजनाओं में बैंकों द्वारा अभिरूचि नहीं ली जा रही है, जिससे कुछ किसानों का खाता एन॰पी॰सी॰आई॰ से लिंक नहीं हो पा रहा है। इससे किसानों के आधार आधारित खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण नहीं हो सका है। उन्होंने बैंकों को निदेश दिया कि इसमें रूचि लेते हुए किसानों के खातों को एन॰पी॰सी॰आई॰ से यथाशीघ्र लिंक किया जाय ताकि वंचित किसानों के खाते में राशि अंतरण किया जा सके।
माननीय मंत्री द्वारा उपस्थित बैंक अधिकारियों से वर्तमान वित्तीय वर्ष में किसान क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत बैंकों को प्राप्त, स्वीकृत एवं अस्वीकृत आवेदन की जानकारी ली गई। बैंक अधिकारियों द्वारा सही सूचना नहीं उपलब्ध कराने पर काफी नाराजगी व्यक्त की तथा निदेश दिया गया कि अगली बैठक में सभी बैंक अधिकारी पूर्ण प्रतिवेदन के साथ बैठक में भाग लेना सुनिश्चित करेंगे। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वर्तमान में के॰सी॰सी॰ की उपलब्धि काफी कम है। यह काफी खेदजनक है। माननीय मंत्री ने के॰सी॰सी॰ एवं अन्य बैंक ऋण के संबंध में विज्ञापन प्रकाशित कराकर किसानों को जानकारी प्रदान करने का निदेश दिया। उपस्थित बैंक अधिकारियों द्वारा माननीय मंत्री को बताया गया कि राज्य में लागू बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत के॰सी॰सी॰ ऋण अनिवार्य नहीं होने के कारण ऋण वितरण में कमी आई है। इस पर माननीय मंत्री द्वारा के॰सी॰सी॰ ऋण के लिए फसल बीमा की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखने हेतु निदेश दिया गया।
इस अवसर पर प्रधान सचिव, कृषि श्री सुधीर कुमार, निदेशक, पशु संसाधन श्री विनोद सिंह गुंजीयाल, निदेशक गव्य विकास श्री अजय कुमार झा, निदेशक मत्स्य मो॰ निशात अहमद, उप कृषि निदेशक, मुख्यालय श्री सुशील कुमार, बिहार राज्यस्तरीय बंैकर्स समिति के सहायक महाप्रबंधक श्री राजीव कुमार दास, नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक श्री एस॰ भट्टाचार्य सहित विभागीय पदाधिकारी एवं बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।