माननीय मंतà¥à¤°à¥€, कृषि विà¤à¤¾à¤—, बिहार डाॅ॰ पà¥à¤°à¥‡à¤® कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि बिहार में उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤• फसलों में लीची का à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¤– सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। खासकर मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° की लीची की विशà¥à¤µ में à¤à¤• अलग पहचान है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि किसान इसका निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ विशà¥à¤µ के कई देषों में करके विदेशी मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करते हैं। लीची के फसल को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कीटों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बनी रहती है।
माननीय मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि जब लीची पर कीट का पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª होता है तो किसान à¤à¤¾à¤ˆ-बहन इसके नियंतà¥à¤°à¤£ के लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤² हो जाते हैं। अतः इसके नियंतà¥à¤°à¤£ के लिठकिसान à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ बहनों के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है कि लीची में लगने वाले कीटों, उसके पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ लकà¥à¤·à¤£ तथा उसके नियंतà¥à¤°à¤£ की परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जानकारी हो, ताकि ससमय इसका उपचार कर पाये, तथा अधिक-से-अधिक लीची का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ ले सके। लीची में लगने वाले पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कीटों में सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कीट फल à¤à¤µà¤‚ बीज छेदक होता है। खासकर तैयार फलों में जब इस कीट का पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª होता है, तो किसान à¤à¤¾à¤ˆ-बहन को लीची का उचित बाजार मूलà¥à¤¯ नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उनको काफी हानि होती है।
डाॅ॰ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि लीची के फूल आने के समय मादा कीट पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर अंडे देती है। पिलà¥à¤²à¥‚ नये फलों में घà¥à¤¸à¤•à¤° उसे खा जाते हैं। खासकर वातावरण में अधिक नमी रहने तथा फलों की विलंब से तà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤ˆ करने से पिलà¥à¤²à¥‚ फल के डंठल के पास छेद कर फल में घà¥à¤¸à¤•à¤° उसके बीज à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ को खा जाता है। इसके फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प लीची का फल सà¤à¤¡à¤¼ जाता है जिससे इसके उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ पर बà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है तथा इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° लीची का बाजार मूलà¥à¤¯ काफी घट जाता है। इसके नियंतà¥à¤°à¤£ के लिठकिसान à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ बहनों को यह सलाह दी जाती है कि लीची के बाग की समय-समय पर सफाई करें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किसान à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ बहनों से अपील किया कि इसके नियंतà¥à¤°à¤£ के लिठअपने नजदीकी कृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤° अथवा पौधा संरकà¥à¤·à¤£ पदाधिकारी से समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• करें।