माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि आम एवं लीची के पेड़ों में मंजर आ गया है। यही समय है कि किसान भाई-बहन अपने आम एवं लीची के पेड़ों तथा उनके बगानों का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन करे, उनके मंजरों का देख-भाल, मंजरों पर आवश्यकतानुसार उचित दवाओं का छिड़काव करें। इसके संबंध में किसान भाई-बहनों को सही-सही जानकारी उपलब्ध कराने हेतु राज्य के सभी जिलों के सहायक निदेशक, उद्यान, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों को निदेशित कर दिया गया है। किसान भाई-बहन अपने आम एवं लीची के पेड़ों तथा उनके बगानों की देख-भाल करने हेतु अपने जिला के इन पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों से सम्पर्क स्थापित कर सकते है अथवा किसान भाई-बहन इसके लिए किसान काॅल सेन्टर के टाॅल फ्री नम्बर 18001801551 पर भी सम्पर्क कर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
माननीय मंत्री ने कहा कि कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि भरपूर मंजर आने के बावजूद आम एवं लीची के मंजरों की सुरक्षा नहीं हो पाने के कारण उसका फलन बहुत कम हो जाता है या कभी-कभी नहीं हो पाता है। आम एवं लीची के मंजरों पर कीट-व्याधियों का आक्रमण होने से इसके मंजरों की सुरक्षा के लिए अनुशंसित दवाओं का तीन छिड़काव सही समय पर करने से कीट-व्याधियों पर नियंत्रण किया जा सकता है, जिससे इसका अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि उद्यान एवं पौधा संरक्षण संभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को निदेश दिया गया है कि वे सतत् अपने क्षेत्र का भ्रमण करते रहें तथा किसानों/बागवानों से संपर्क कर उन्हें अपने आम एवं लीची के फसलों की सुरक्षा करने हेतु आवश्यक सुझाव समय पर दें ताकि वे अपनी फसलों पर लगने वाले विभिन्न कीट एवं व्याधियों से फसलों को सुरक्षित रख पायें।