माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य योजना के अंतर्गत टाल क्षेत्र में आकस्मिक कीट-व्याधि नियंत्रण योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति एवं चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 545.98782 लाख रूपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है।
माननीय मंत्री ने कहा कि इस वर्ष टाल में मुख्यतः दलहन/तेलहन फसल का आच्छादन पटना, नालन्दा, लखीसराय, शेखपुरा, मुंगेर एवं भागलपुर जिला में क्रमशः 32884 हे॰, 11046 हे॰, 10471 हे॰, 5341 हे॰, 1508 हे॰ एवं 6976 हे॰ में हुआ है। इस आच्छादित रकवा के विरूद्ध क्रमशः 11127 हे॰, 1942 हे॰, 916 हे॰, 357 हे॰, 412 हे॰ एवं 6839 हे॰ फसलों में कीट/व्याधि लगने से संबंधित प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। टाल क्षेत्र जिलों से प्राप्त सर्वेक्षण प्रतिवेदन के अनुरूप कीट/व्याधि पर नियंत्रण हेतु कृषकों द्वारा रासायनिक कीटनाशियों का छिड़काव तथा फेरोमोन ट्रैप का उपयोग भी किया जा रहा है। गत वर्ष भी पटना जिला के टाल क्षेत्र में फसल का नुकसान हुआ था, जो आकस्मिक कीट/व्याधि योजना से आवंटित राशि से कृषकों को अनुदानित दर पर कीटनाशक उपलब्ध कराने के उपरान्त नियंत्रण किया गया था। इस वर्ष भी टाल जिलों यथा- पटना, नालन्दा, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, एवं भागलपुर से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार कीट/व्याधि का प्रकोप हुआ है। अतएव वत्र्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी कीट/व्याधि के नियंत्रण/प्रबंधन हेतु योजना के कार्यान्वयन की आकस्मिक स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने एवं वातावरण की सुरक्षा की आवश्यकता को ध्यान में रखकर बिहार सरकार द्वारा समेकित कीट प्रबंधन कार्यक्रम अपनाया गया है, ताकि कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ कृषि उपज की गुणवत्ता एवं पर्यावरण संरक्षण आदि में सुधार हो सके। राज्य के अंतर्गत टाल क्षेत्र के छः जिलों यथा पटना, नालंदा, लखीसराय, शेखपुरा, मुंगेर एवं भागलपुर में चना, मसूर, खेसारी, मटर, सरसों आदि फसलों में लगे कीट/व्याधियों के सफल प्रबंधन हेतु आवश्यक है कि फेरोमोन ट्रैप (गंध फास) लगाकर कीटों के संख्या का आकलन किया जाये एवं कीटों के संख्या बढ़ने के स्थिति में नर कीटों को आकर्षित करने एवं नियंत्रण के लिए 10 फेरोमोन ट्रैप 30 ल्योर के साथ प्रति हे॰ लगाया जाता है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि कीटों की संख्या का आकलन तथा नर कीट को आकर्षित करने एवं नियंत्रण के लिए 10 फेरोमोन ट्रैप 30 ल्योर के साथ 777 रूपये प्रति हे॰ की दर से प्रभावित कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जायेगा। दलहन/तेलहन फसल में फफूँदजनित, जीवाणुजनित रोग एवं कीट की समस्या उत्पन होने पर कीट एवं व्याधि नियंत्रण के लिए कीटनाशी, फफूँदनाशी, जीवाणुनाशी एवं स्टीकर के लिए मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकत्तम 1755 रूपये प्रति हे॰, दोनों में जो भी कम हो, अनुदान दिया जायेगा।