बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट देने के साथ दीक्षा भी दिलाई गई। कार्यक्रम में कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और कुलपति ने चार छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और 238 को उपाधि प्रदान की।
इससे पहले कुलाधिपति के इस संदेश के साथ शुरू किया गया, जिसमें उनके नहीं आने और उनकी जगह डिग्री देने के लिए कुलपति को अधिकृत करने की बात लिखी हुई थी। इसके बाद कार्यक्रम की सभी प्रक्रिया कुलसचिव डॉ. मिजानुल हक ने शुरू से अंत तक की।
कार्यक्रम के दौरान सम्मानित अतिथि और कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि बीएयू ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार को नया आयाम दिया है। जिसके कारण पूरे देश में इसे 21वां स्थान मिला है। यहां सिर्फ दूसरे राज्यों के ही नहीं विदेशी छात्र भी पढ़ने आने लगे हैं। कोई उपाधि प्राप्त करना आसान नहीं होता है। इसके लिए कड़ी मेहनत और लगन दिखानी पड़ती है। बीएयू के छात्रों ने अपनी इसी दृढ़ता और परिश्रम से उपाधि प्राप्त की है। इसलिए अपने ज्ञान का उपयोग कृषि को और उन्नत तथा विकसित करने में करें। धान, गेहूं और मक्का की उपज में बीएयू ने किसानों की मदद की जिसका नतीजा है कि बिहार को चार बार कृषि कर्मण्य अवार्ड मिला। कतरनी चावल, मगही पान और जर्दालु आम को भौगोलिक सूचक आवंटित हुआ। इससे विश्व में बीएयू का नाम हुआ है। उन्होंने दात्राओं को बधाई और आशीष दी।
डेयर के पूर्व सचिव एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय इंफाल के कुलाधिपति प्रो. एस अयप्पन ने कहा कि वह पहली बार बीएयू में आए हैं। लेकिन यहां के शोध, शिक्षा, प्रशिक्षण और प्रसार में काफी तेजी से काम हो रहा है। बीएयू में छात्रों और शोधकर्ताओं को पैसे की कमी नहीं होने दी जाती है। सरकार भी इसमें काफी सहयोग कर रही है। अधिकतर युवक इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर बाहर चले जाते हैं। यदि कृषि में ये छात्र नहीं आएं तो हमारे सामने भुखमरी आ जाएगी। उन्होंने छात्रों को यह भी कहा कि वे सिर्फ लेबोरेटरी तक नहीं रहें बल्कि गांवों में किसानों के पास जाएं और खेती के अलावा उन्हें प्रसंस्करण के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उनकी आय बढ़े और ज्यादा लोग कृषि की ओर आकर्षित हों। कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने विवि के कार्यों शोध सहित अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियों को गिनाया।