ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का सुअवसर एवं ग्रामस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगषाला की स्थापना हेतु 11 मार्च तक करें आवेदन - डाॅ॰ प्रेम कुमार

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। मिट्टी जाँच के लिए राज्य के प्रत्येक जिला में मिट्टी जाँच प्रयोगशाला स्थापित की गई है। सरकार द्वारा मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से निजी क्षेत्रों में भी ग्राम स्तर पर मिट्टी जाँच प्रयोगशाला (मिनी लैब) की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए 11 मार्च, 2020 तक अपना आवेदन अपने जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में जमा कर सकते हैं। 
माननीय मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रूपये की लागत पर ग्राम स्तर पर स्वरोजगार के उद्देश्य से ग्रामस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी, जिसमें लाभार्थियों को लागत का 75 प्रतिशत सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा तथा शेष 25 प्रतिशत राशि लाभुक का अंशदान होगा। इन प्रयोगशालाओं को स्वास्थ्य कार्ड योजना के लक्ष्य एवं वित्त पोषण से जोड़ा जायेगा। इस योजना का लाभ एग्री क्लिनिक/कृषि व्यवसायी केन्द्र/कृषि उद्यमी/भूतपूर्व सैनिक/स्वयं सहायता समूह/कृषि उत्पादक संगठन/कृषि उत्पाद कम्पनी/फार्मर ज्र्वांइंट ग्रुप/कृषक सहकारी समितियाँ/पैक्स/खुदरा उपादान बिक्रेता/स्कूल या काॅलेज ले सकते हैं। 
उन्होंने कहा कि खेतों की मिट्टी की जाँच बहुत ही आवष्यक है। अधिक उपज प्राप्त करने के लालच में किसान मिट्टी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें बगैर अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाषकों का प्रयोग करते है, जिसके कारण एक ओर जहां दिनों-दिन मिट्टी का स्वास्थ खराब हो रहा है, वहीं दूसरी ओर मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। अनावष्यक रासायनिक उर्वरकों के क्रय के कारण कृषि का लागत मूल्य भी बढ़ता जा रहा है, जिससे किसानों को कृषि उत्पादन में शुद्ध लाभ काफी कम होता है। मिट्टी का स्वास्थ्य खराब होने से आने वाले दिनों में कृषि के लिए बहुत ही कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न होगी। इसलिए सरकार द्वारा मिट्टी के स्वास्थ्य की जाँच कर आवष्यकता अनुसार उर्वरकों के उपयोग हेतु किसानों को जागरुक करने एवं उन्हें मिट्टी जाँच की सुविधा सुलभ कराने हेतु कई कार्यक्रम चलाया जा रहे है, ताकि मिट्टी का स्वास्थ्य भी बना रहे तथा उत्पादन लागत मूल्य में भी कमी हो सके। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा अधिक-से-अधिक संख्या में ग्राम स्तर पर मिट्टी जाँच प्रयोगषालाओं (मिनी लैब) की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि ग्राम स्तर पर मिट्टी जाँच प्रयोगषालाओं की स्थापना होने से एक तरफ जहाँ, ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का सृजन होगा, वहीं दूसरी तरफ मृदा परीक्षण में कम समय लगेगा तथा किसानों को अपने गाँव या गाँव के नजदीक मिट्टी जाँच कराने की काफी सुविधा होगी। 
 

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