माननीय मंतà¥à¤°à¥€, कृषि विà¤à¤¾à¤—, बिहार डाॅ॰ पà¥à¤°à¥‡à¤® कà¥à¤®à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ‘‘कृषि à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤ खादà¥à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ को बढ़ावा’’ विषय पर बामेती, पटना के सà¤à¤¾à¤—ार में आयोजित दो दिवसीय कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया गया।
माननीय मंतà¥à¤°à¥€, कृषि विà¤à¤¾à¤—, बिहार ने इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि बिहार राजà¥à¤¯ में इस दो दिवसीय पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन à¤à¤ªà¥€à¤¡à¤¾, वाणिजà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯, नई दिलà¥à¤²à¥€, à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जा रहा है। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ बिहार में संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤—तिशील किसानों के जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤‚, उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚ और वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बढावा देना, किसानों के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को सà¥à¤¦à¥ƒà¤¢ करना à¤à¤µà¤‚ बिहार के पà¥à¤°à¤—तिशील किसानों को जैविक खेती तथा उसके पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥€à¤•à¤°à¤£ के बारे में जानकारी देना है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® ;छचà¥à¤µà¥à¤šà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨/निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ हेतॠà¤à¤• अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ गà¥à¤£à¤µÅ¸à¤¾à¤¾ आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ है, जिसकी शà¥à¤°à¥‚आत अकà¥à¤Ÿà¥‚बर, 2001 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार के वाणिजà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया है, जो पà¥à¥ˆà¤µà¥à¤°à¥‚17011 आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं को पूरी करती है। इसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ बà¥à¤®à¤¤à¤œà¤ªà¤²à¤¿à¤ªà¤¦à¤¹ ठवकपमे ;बà¥à¤ दà¥à¤§ छचà¥à¤µà¥à¤šà¥ के अधीन जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ हेतॠैजंदकंतके निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ है।
माननीय मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि बिहार में जैविक खेती की अपार संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¥…ठहैं। मिटà¥à¤Ÿà¥€ की सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ अचà¥à¤›à¤¾ होने तथा अचà¥à¤›à¥€ वरà¥à¤·à¤¾ होने के कारण बिहार में लगà¤à¤— हर फसल जैविक विधि से उपजाई जा सकती है तथा बडे़ पैमानों पर जैविक सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, दलहनी फसलों à¤à¤µà¤‚ मसालों का à¤à¥€ बिहार में जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ संà¤à¤µ है। बिहार का रबी मकà¥à¤•à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सोयाबीन का बडे पैमानों पर यूरोपियन देशों में निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ करने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¥… हैं। राजà¥à¤¯ के फलों में केला, लीची, अनानास, आम, मखाना à¤à¤µà¤‚ चाय के जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ की निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ की अपार संà¤à¤µà¤¾à¤¨à¤¾à¤à¤ है। राजà¥à¤¯ में लगà¤à¤— 2.5 लाख हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° में लगà¤à¤— गनà¥à¤¨à¥‡ की खेती होती है, जिससे जैविक गà¥à¤¡à¤¼ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ किया जा सकता है। राजà¥à¤¯ में कà¥à¤² 56 लाख हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° खेती योगà¥à¤¯ रकवे का 50 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रकवा असिंचित है, जिसे जैविक खेती में आसानी से बदला जा सकता है। बिहार ने जैविक खेती की दिशा में अपना कदम सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ कर लिया है।
डाॅ॰ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि राजà¥à¤¯ में पटना से à¤à¤¾à¤—लपà¥à¤° तक गंगा नदी के दोनों किनारे तथा पटना से नालंदा तक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उचà¥à¤š मारà¥à¤— के किनारे बसे गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ को समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ जैविक कोरीडोर की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई है, जिसमें 9 जिले पटना, नालंदा, वैशाली, समसà¥à¤¤à¥€à¤ªà¥à¤°, बेगूसराय, लखीसराय, खगडि़या, मà¥à¤‚गेर à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤—लपà¥à¤° शामिल है। इन जिलों में लगà¤à¤— 1500 à¤à¤•à¤¡à¤¼ रकबे में अंगीकृत à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥€à¤•à¤°à¤£ का कारà¥à¤¯ किया जा रहा है। जैविक कोरीडोर में किसानों/कृषक समूहों को निःशà¥à¤²à¥à¤• पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥€à¤•à¤°à¤£ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ उपलबà¥à¤§ करायी जा रही है, इन जिलों में लगà¤à¤— 17 समूहों का गठन हो चà¥à¤•à¤¾ है, जिसके अंतरà¥à¤—त लगà¤à¤— 1124 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° रकवा का पंजीकरण का कारà¥à¤¯ हो चà¥à¤•à¤¾ है। साथ ही केडिया को बिहार का पà¥à¤°à¤¥à¤® जैविक गà¥à¤°à¤¾à¤® घोषित किया गया है। à¤à¤µà¤‚ उसे बà¥1 का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¥€ सिकà¥à¤•à¤¿à¤® राजà¥à¤¯ आॅरà¥à¤—ेनिक पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥€à¤•à¤°à¤£ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिया गया। बिहार के कृषि रोड मैप के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लगà¤à¤— 2022 तक 25,000 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° रकवा का लकà¥à¤·à¥à¤¯ जैविक खेती हेतॠनिरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ रखा गया है, जिसमें बसोका, पटना दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ ढ़ंग से कारà¥à¤¯ किया जा रहा है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार के वाणिजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ नई कृषि निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ नीति, 2018 में बिहार के मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ लीची को शामिल किया गया है। इसके साथ ही बिहार राजà¥à¤¯ में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ होने वाले विशिषà¥à¤Ÿ कृषि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ यथा- मखाना, हाजीपà¥à¤° का मालà¤à¥‹à¤— केला और सबà¥à¤œà¥€ विशेषकर टमाटर, आलू आदि को समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ करने का à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार से अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया गया है।
कृषि विà¤à¤¾à¤— के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सचिव शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤§à¥€à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि à¤à¤• फरवरी, 2019 को केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ अंतरिम बजट में घोषणा की गई कि 5 à¤à¤•à¤¡à¤¼ से कम रकबा वाले किसानों को तीन किसà¥à¤¤ में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ कृषि समà¥à¤®à¤¾à¤¨ निधि योजना का लाठदिया जायेगा। इसी संबंध में आज à¤à¤• वीडियो काॅनà¥à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚सिंग à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित की गई, जिसमें यह निरà¥à¤£à¤¯ लिया गया कि à¤à¤• मारà¥à¤š से पहले सीमांत à¤à¤µà¤‚ लघॠकिसान के खाते में पà¥à¤°à¤¥à¤® किसà¥à¤¤ 2 हजार रूपये की राशि उनके खाते में हसà¥à¤¤à¤¾à¤‚तरित किया जायेगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिठसरकार की सोच सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है कि जैविक कोरिडोर के 9 जिलों में जो à¤à¥€ किसान जैविक खेती करना चाहते हंै, उन सà¤à¥€ को इस योजना का लाठदिया जायेगा। पहले वैसे किसान, जो पूरà¥à¤µ से ही जैविक खेती कर रहे हैं, उनको लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ किया जायेगा, ताकि उनसे पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होकर अगल-बगल के किसान जैविक खेती को अपनायें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤ªà¥€à¤¡à¤¾ के पदाधिकारी से बसोका को कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° निरीकà¥à¤·à¤£ में यथासमà¥à¤à¤µ मदद करने को कहा।
इस अवसर पर à¤à¤¨à¥°à¤à¥°à¤¬à¥€à¥°, à¤à¤ªà¥€à¤¡à¤¾ के सलाहकार डाॅ॰ à¤à¥°à¤•à¥‡à¥° यादव, अपर निदेशक (शषà¥à¤¯) शà¥à¤°à¥€ डी॰पी॰ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ लीची अनà¥à¤¸à¤‚धान केनà¥à¤¦à¥à¤°, मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤° के निदेशक डाॅ॰ विशालनाथ, निदेशक, बसोका शà¥à¤°à¥€ अशोक पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦, संयà¥à¤•à¥à¤¤ निदेशक (रसायन), कमà¥à¤ªà¥‹à¤¸à¥à¤Ÿ à¤à¤µà¤‚ बायोगैस शà¥à¤°à¥€ बैंकटेश नारायण सिंह, निदेशक, बामेती डाॅ॰ जितेनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦, संयà¥à¤•à¥à¤¤ निदेशक (रसायन), मिटà¥à¤Ÿà¥€ जाà¤à¤š शà¥à¤°à¥€ राम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सहनी, à¤à¤ªà¥€à¤¡à¤¾, कोलकाता के सहायक महापà¥à¤°à¤¬à¤‚धक शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ समिधा गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ के निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤•, जैविक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• किसान समूह, इनपà¥à¤Ÿ डिलरà¥à¤¸ आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।