उपभोक्ता संरक्षण की हितों को हमें प्राथमिकता देनी है -डाॅ॰ प्रेम कुमार

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार द्वारा आज बामेती, पटना के सभागार में कृषि विभाग के माप-तौल संभाग द्वारा आयोजित एक कर्मशाला/संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। इस कर्मशाला/संगोष्ठी में बिहार राज्य के कुल 42 राज्यस्तरीय व्यावसायिक सगठनों के प्रतिनिधि एवं माप-तौल के पदाधिकारी/निरीक्षक तथा कर्मचारीगण ने भाग लिया। 
माननीय मंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि माप-तौल (विधिक माप विज्ञान) भारत सरकार के समवर्ती सूची में शामिल है। इस कर्मशाला/संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य बहुआयामी है, जिसके अंतर्गत राज्यस्तरीय व्यवसायिक संगठनों के माध्यम से राज्य के उपभोक्ताओं की हितों के संरक्षण, व्यापार करने में सुगमता, वैश्विक बाजार को एकरूपता और मानक के अनुरूप बनाने और बाजार को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि रोड-मैप, वर्ष 2017-22 में माप-तौल को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से माप-तौल संबंधी कई योजनाओं को शामिल किया गया है। सरकार द्वारा बिहार राज्य को पूरे भारत वर्ष में माप-तौल संबंधी प्रवत्र्तन कार्यों में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नये भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि उपभोक्ता संरक्षण की हितों को हमें प्राथमिकता देनी है। इस उद्देश्य से उनकी अगुआई में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, वर्ष 2019 भी लागू किया गया है। पूरे भारत में सम्पूर्ण जी॰डी॰पी॰ का 80 प्रतिशत हिस्से को विभिन्न माप-तौल अधिनियम/नियमावली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आच्छादित करता है।   
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि इस कर्मशाला/संगोष्ठी में सभी प्रतिभागी व्यावसायिक सगठनों के प्रतिनिधि एवं माप-तौल के पदाधिकारी/निरीक्षक तथा कर्मचारीगण को माप-तौल से जुड़े सभी नियम/अधिनियम/नियमावली की जानकारी विस्तृत रूप से दी गई। उन्होंने कहा कि माप-तौल संभाग के अधिनियम/नियमावली के अंतर्गत किराना व्यवसायी, सोना-चाँदी व्यवसायी, कपड़ा व्यवसायी, रेडिमेड कपड़े, पेट्रोलियम प्रोडक्ट, पैकेट में बिक्री होने वाले विभिन्न सामान आदि आच्छादित हो रहे हैं। पूरे राज्य में एस॰आई॰ सिस्टम के अंतर्गत कुल सात यूनिट और उनसे डिराईभ्ड यूनिट से संबंधित सभी सामानों से जुड़े खुदरा व्यवसाय, थोक व्यवसाय, ट्रेड एवं इण्डस्ट्रीज पर विधिक माप विज्ञान अधिनियम/नियमावली से नियमन और अनुश्रवित किया जाना है। उन्होंने पदाधिकारियों को निदेश दिया कि साल में दो बार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों एवं उपभोक्ताओं के लिए एक साथ इस तरह कार्यक्रम का आयोजन किया जाये ताकि उपभोक्ताओं से भी फिड बैक प्राप्त हो सके, जिसके आधार पर कार्य करने में सुविधा हो। 
कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार ने इस अवसर पर कहा कि माप-तौल के सभी क्रियाकलापों में प्रदर्शिता लाने के लिए आॅन-लाईन किया जाये। सभी स्तरों पर प्रशिक्षण की व्यवस्था किया जाये ताकि माप-तौल को निरीक्षकों को विधिक जानकारी से अपडेट रखा जा सके। इस कार्यक्रम में कृषि निदेशक श्री आदेश तितरमारे ने भी अपना विचार रखा। 
इस कार्यक्रम में विधिक माप विज्ञान के नियंत्रक श्री आदित्य नारायण राय, उप कृषि निदेशक-सह-उप नियंत्रक, मुख्यालय श्री जय प्रकाश नारायण, संयुक्त नियंत्रक श्री अनिल कुमार सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं निरीक्षक तथा राज्यस्तरीय व्यावसायिक सगठनों के प्रतिनिधिगण शामिल हुए।
 

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