माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिहार में औषधीय मशरूम उत्पादन तकनीक के व्यवसायीकरण करने हेतु 125 लाख रूपये की लागत से योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य में इस योजना का कार्यान्वयन तीन वर्षों में किया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत प्रथम वर्ष में 71.40 लाख रूपये, द्वितीय वर्ष में 27.30 लाख रूपये तथा तृतीय वर्ष में 26.30 लाख रूपये व्यय किया जायेगा। इस योजना के के तहत् वर्ष 2019-20 में डाॅ॰ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर को तत्काल बजट उपबंध के अधीन 34 लाख रूपये सहायक अनुदान की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है।
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य में बटन एवं आॅयस्टर मशरूम की खेती किसानों एवं उद्यमियों के द्वारा किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप जहाँ एक तरफ गेहूँ के फसल अवशेष के आर्थिक उपयोग का प्रचलन बढ़ा है, तो दूसरी तरफ किसानों के पोषणस्तर में सुधार की सम्भावनाएँ भी बढ़ी है। राज्य में मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में उद्यमिता के विकास के साथ नये बाजार का विकास हुआ है, जो किसानों की आमदनी को बढ़ाने में सार्थक सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि मशरूम की कई प्रजातियाँ औषधीय गुणों से सम्पन्न हैं, ऐसे प्रजातियों के उत्पादन तकनीक के व्यवसायीकरण की आवश्यकता है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन से राज्य में औषधीय मशरूम की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। औषधीय गुणों से परिपूर्ण प्रजातियों के मशरूम का उत्पादन करने एवं उसका व्यवसायीकरण होने से राज्य के मशरूम उत्पादक किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी।