बिहार के माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री श्री सुशील कुमार मोदी द्वारा आज पेश किये गये आम बजट को किसानों के लिए ऐतिहासिक बताते हुए बिहार सरकार के कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि आज पेश किये गये अपने ऐतिहासिक बजट से राज्य सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह पिछली सरकारों की तरह केवल कहने में नहीं, बल्कि आगे बढ़कर अपने वादों को पूरा करने में यकीन रखती है। आज के बजट में किसानों के लिए जो प्रावधान किये गये हैं, वह किसानों की आय दुगुनी करने के अपने वादे के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह बजट राज्य के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी बजट है।
माननीय मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग की योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाने हेतु शुरू की गई आॅन-लाईन पंजीकरण के कारण विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत देय लाभ किसानों के बैंक खाते में सीधे भेजी जा रही है। जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत् फसल की बोआई हैप्पी सीडर, जीरो टिलेज से करने तथा जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त संरक्षित खेती की विधियों को अपनाने, खरीफ, गरमा एवं रबी मौसम में उपयुक्त फसल चक्र अपनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में आठ जिलों गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, बाँका, मुंगेर, खगड़िया एवं मधुबनी के 40 गाँव में कृषि वैज्ञानिकों के देख-रेख में प्रत्यक्षण कराया गया है तथा इसे वर्ष 2020-21 में सभी जिलों में लागू किया जायेगा। वर्ष 2020-21 में फसल अवशेष के मूल्य संवर्द्धन के लिए कार्यक्रम चलाये जाने से किसानों को फसल अवशेष का मूल्य प्राप्त होने से उनकी आमदनी बढ़ेगी। इस वर्ष शुरू की गई खेतों में जल संचयन योजना को वर्ष 2020-21 में भी जारी रखा जायेगा तथा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा। इस योजना के तहत् खेत में तालाब निर्माण एवं संचित वर्षा जल से उपयोग से तीनों कृषि मौसम में फसल चक्र अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा। कृषि रोड मैप के अधीन वर्ष 2020-21 में राज्य में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा को गति प्रदान की जायेगी
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शोध को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिभा सम्मान योजना की शुरूआत की जायेगी, जिसमें विश्वविद्यालय के द्वारा पेटेंट कराये जाने, प्रभेद विकसित करने आदि प्रमुख उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय को अनुसंधान प्रोत्साहन ग्रांट दिया जायेगा। साथ ही, कृषि छात्रों के लिए प्रतिभा स्टाइपेंड योजना शुरू की जायेगी, जिससे कृषि के छात्रों को प्रोत्साहन मिलेगा।