राज्य के लगभग सवा करोड़ किसानों ने कराया आॅन-लाईन पंजीकरण

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य के किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं के अंतर्गत दिये जाने वाले अनुदान डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में उपलब्ध कराई जाती है। यह लाभ उन्हीं किसानों को दिया जाता है, जो किसान, कृषि विभाग के वेबसाईट पर आॅन-लाईन निबंधित हैं। डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुँचाने से लाखों किसानों को बहुत कम समय में पारदर्शी तरीके से लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कृषि विभाग के डी॰बी॰टी॰ पोर्टल पर अब तक राज्य के लगभग सवा करोड किसानों ने अपना पंजीकरण कराया है और किसानों के पंजीकरण का कार्य अनवरत जारी है। 
माननीय मंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य में ई-गवर्नेंस परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर पर जिला कृषि कार्यालय एवं सहायक निदेशक, उद्यान कार्यालय तथा सभी प्रखण्डों में ई-किसान भवनों/प्रखण्ड कृषि कार्यालय को कम्प्यूटर एवं संबंधित उपस्कर उपलब्ध कराया गया है। इसी प्रकार 36 जिला कृषि कार्यालय एवं 214 प्रखण्डों में ई-किसान भवन में डाटा इण्ट्री आॅपरेटर की सेवायें बेल्ट्राॅन से ली जा रही है। उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम में डीजल अनुदान का लाभ लेने के लिए राज्य के 11,64,938 किसानों ने आवेदन किया है। साथ ही, कृषि इनपुट अनुदान का लाभ लेने हेतु 23,52,577 किसानों, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए अब तक 84,64,947 किसानों तथा प्रधानमंत्री मानधन योजना में अब तक 2,74,816 द्वारा आॅन-लाईन आवेदन किया गया है। 
डाॅ॰ कुमार ने राज्य के किसानों से अपील किया कि जो किसान भाई-बहन अब तक कृषि विभाग पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं कराये हैं, वे शीघ्र अपना पंजीकरण करा लें, ताकि उन्हें कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दिये जाने वाले अनुदान का लाभ समय पर मिल सके। किसान, अपना आॅन-लाईन पंजीकरण स्वयं भी कर सकते हैं अथवा वे अपना पंजीकरण अपने नजदीक के सहज/वसुधा केन्द्र/ई-किसान भवन पर जाकर निःशुल्क करा सकते हैं।
 

You can share this post!

असामयिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के आकलन का दिया गया निदेश

आम का सही देखभाल कर अच्छा उत्पादन प्राप्त करें