माननीय मंतà¥à¤°à¥€, कृषि विà¤à¤¾à¤—, बिहार डाॅ॰ पà¥à¤°à¥‡à¤® कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि अà¤à¥€ हाल ही में बिहार के मगही पान को जी॰आई॰ टैग मिला है। यह राजà¥à¤¯ के लिठगौरव की बात है। जी॰आई॰ टैग मिलने से मगही पान को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो गई है। सरकार राजà¥à¤¯ में पान की खेती को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने के लिठकृतसंकलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· 2019-20 में शेडनेट में पान की खेती का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से कृषि रोड मैप में चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ जिला नवादा, नालनà¥à¤¦à¤¾, गया à¤à¤µà¤‚ मधà¥à¤¬à¤¨à¥€ के अलावा अनà¥à¤¯ 13 जिलों वैशाली, खगड़िया, दरà¤à¤‚गा, à¤à¤¾à¤—लपà¥à¤°, समसà¥à¤¤à¥€à¤ªà¥à¤°, मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤ªà¥à¤°, पूरà¥à¤µà¥€ चमà¥à¤ªà¤¾à¤°à¤£, औरंगाबाद, शेखपà¥à¤°à¤¾, बेगूसराय, सारण, सिवान à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤‚गेर जहाठपान की खेती होती है, कराया जायेगा। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के लिठकà¥à¤² 100 इकाई का à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• लकà¥à¤·à¥à¤¯ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया गया है, पà¥à¤°à¤¤à¤¿ इकाई 500 वरà¥à¤—मीटर का है। इसके अलावे बिहार कृषि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, सबौर, à¤à¤¾à¤—लपà¥à¤° के अधीन पान अनà¥à¤¸à¤‚धान केनà¥à¤¦à¥à¤°, इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤ªà¥à¤° में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® à¤à¤µà¤‚ à¤à¤• पान आॅयल डिसà¥à¤Ÿà¥€à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ इकाई की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤¯à¥‹à¤œà¤¨à¤¾ में शामिल है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿ इकाई (500 वरà¥à¤—मीटर) शेडनेट में पान की खेती की इकाई लागत 4.25 लाख रू॰ पर 75 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ सहायतानà¥à¤¦à¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ किया गया है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· में à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• लकà¥à¤·à¥à¤¯ के आलोक में शेडनेट का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ (डà¥à¤°à¤¿à¤ª à¤à¤µà¤‚ फाॅगरयà¥à¤•à¥à¤¤) कराया जायेगा। वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· 2020-21 में कृषकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ योजनानà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त तैयार शेडनेट में पान की खेती वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• तरीके से कराया जायेगा। इस योजना पर इन दो वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में कà¥à¤² 339.66 लाख रू॰ वà¥à¤¯à¤¯ की जायेगी, जिनमें वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· 2019-20 में 286.46 लाख रू॰ à¤à¤µà¤‚ वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· 2020-21 में 53.2 लाख रू॰ वà¥à¤¯à¤¯ किया जायेगा।
माननीय मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤° बिहार में पान की बंगाल किसà¥à¤® तथा दकà¥à¤·à¤¿à¤£ बिहार में बंगाल à¤à¤µà¤‚ मगही किसà¥à¤® की खेती की जाती है। मगही पान अनà¥à¤¯ देशों को निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ किया जाता है। बिहार में जलवायॠअधिक गरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ ठंडी होने के कारण इसकी खेती खà¥à¤²à¥‡ खेतों में नहीं की जा सकती है। इसलिठइसे कृतà¥à¤°à¤¿à¤® मंडप के अंदर उगाया जाता है, जिसे बरेजा/बरेठकहते हैं। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ तौर पर बरेजा का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ बाà¤à¤¸, पà¥à¤†à¤², काॅस, सà¥à¤¤à¤²à¥€ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ के उपयोग कर बनाया जाता है, जो पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदा से आसानी से बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ हो जाता है। साथ ही, लोटी विधि से पटवन à¤à¥€ काफी खरà¥à¤šà¥€à¤²à¤¾ à¤à¤µà¤‚ परिशà¥à¤°à¤®à¥€ होता है। फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प कृषकों को बेवजह अतिरिकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤¯ à¤à¤µà¤‚ परिशà¥à¤°à¤® करना पड़ता है। इतना ही नहीं परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त बरेजा में पान ऊपज हेतॠसंतà¥à¤²à¤¿à¤¤ वातावरण (तापमान, आरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤¾) नहीं पाये जाने के कारण रोग तथा कीट-वà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª बॠजाता है। फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प किसानों को बेवजह खेती में अधिक वà¥à¤¯à¤¯ करना पड़ता है। कृषि विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान à¤à¤µà¤‚ कृषक हित में संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ कृषि के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त ’’शेडनेट में पान की खेती का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®’’ तैयार किया गया है।
डाॅ॰ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि इस योजना का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ बरेजा के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ कृषि के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त शेडनेट का सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ संरचना का निरà¥à¤®à¤¾à¤£, शेडनेट में माईकà¥à¤°à¥‹ इरिगेशन के तहतॠडà¥à¤°à¤¿à¤ª à¤à¤µà¤‚ फाॅगर से पटवन की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करना है। इस योजना के कारà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¯à¤¨ से पान की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में वृदà¥à¤§à¤¿ होगी तथा पान में लगने वाली कीट-वà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿ के पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª से बचाव à¤à¥€ होगा। शेडनेट के à¤à¥€à¤¤à¤° परवल, पोई, पपीता, अरबी, मिरà¥à¤š, लौकी, ककड़ी, पालक, अदरक इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ की सफलतापूरà¥à¤µà¤• मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤ खेती से किसानों की अतिरिकà¥à¤¤ आमदनी होने के साथ-साथ पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• विधि से बरेजा निरà¥à¤®à¤¾à¤£, मरमà¥à¤®à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ पटवन पर की जाने वाली अतिरिकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤¯ में à¤à¥€ कमी आयेगी। यह योजना राजà¥à¤¯ के पान उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• कृषकों के आय में बà¥à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ करने में सहायक सिदà¥à¤§ होगी।