एग्रो बिहार, 2020 राष्ट्रीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का आज शुभारम्भ एवं फसल अवशेष प्रबंधन संबंधित यंत्रों पर केन्द्रित है यह कृषि यंत्र मेला

कृषि विभाग, बिहार द्वारा आई॰सी॰सी॰ के सहयोग से गाँधी मैदान, पटना में दिनांक 14-17 फरवरी तक चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2020 राष्ट्रीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का आयोजन किया जा रहा है, जो पूर्वी भारत का सबसे बड़ा कृषि यांत्रिकरण मेला है। इसका उद्घाटन माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार द्वारा किया गया। यह कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी-सह-किसान मेला वर्ष 2011 से लगातार आयोजित किया जाता रहा है। 
माननीय कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जिसकी अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। आधुनिक कृषि में कृषि यंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। अत्याधुनिक कृषि यंत्रों को व्यवहार मे लाये जाने से सभी श्रेणी के किसान ससमय कृषि क्रियाओं को सम्पादित करने में सक्षम हुए हैं। कृषकों को सभी प्रकार के फसलों के उत्पादन दर में वृद्धि लाने हेतु कृषि यंत्रों पर अनुदान दिये जाने के फलस्वरूप उत्पादन लागत में काफी कमी आई है तथा उत्पाद के गुणवत्ता में बृद्धि हुई है। सरकार द्वारा राज्य में कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा देने के लिए गुणवतायुक्त आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। इस मेला में बड़ी संख्या में उन्नत कृषि यंत्रों का प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से प्रदर्शन एवं बिक्री किया जायेगा। बिहार सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा हैप्पी सीडर (9 से 11 टाईन), बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री किया जायेगा। साथ ही, एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जायेगा। 
उन्होंने कहा कि इस एग्रो बिहार 2020 राष्ट्रीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में इजराइल के तीन कम्पनी एवं बिहार के अलावे भारत के कई राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता एवं किसानगण भाग ले रहे हंै। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पदाधिकारी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्/कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकगण, फार्म मशीनरी टेªनिंग एण्ड टेस्टिंग इन्स्टीच्यूट एवं अन्य संस्थाओं के पदाधिकारीगण इस मेला में भाग ले रहे हैं। पूरे देश के विभिन्न राज्यों से इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक कृषि यंत्र निर्माता अपने-अपने आधुनिक यंत्रों के साथ भाग ले रहे हैं।
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 में कुल 81 प्रकार के विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में यांत्रिकरण साॅफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य के कृषक अपनी सुविधानुसार, कहीं से भी आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अब तक इस वित्तीय वर्ष में 01 लाख 37 हजार रूपये से अधिक आॅनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इन आवेदनों को विभिन्न स्तर पर आॅनलाइन सत्यापन कर, अब तक 37 हजार से अधिक स्वीकृति पत्र निर्गत किये जा चुके हैं तथा कृषकों के बीच लगभग 12.65 करोड़ रूपये का अनुदान का वितरण किया जा चुका है और अनुदान की राशि डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से सीधे लाभुक कृषक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समूह मंे कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने के लिए योजना चलाई जा रही है, जिसके अन्तर्गत 10 लाख, 25 लाख एवं 40 लाख रूपये की लागत से 40 प्रतिशत अनुदान पर राज्य में कृषि यंत्र बैंक स्थापित किये जा रहे हैं। इसके अलावा 80 लाख रूपये की लागत वाले दो हाईटेक हब तथा चयनित ग्राम में 80 प्रतिशत अनुदान वाले 10 लाख रूपये की लागत तक कृषि यंत्र बैंक स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। 10 लाख रूपये के इन दोनों कृषि यंत्र बैंकों के लिए इस बार 40 पी॰टी॰ओ॰ हाॅर्स पावर के टैªक्टर पर 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। कृषि यंत्र बैंक स्थापित किये जाने से छोटे एवं मझोले जोत वाले कृषकों को कम लागत में आधुनिक कृषि यंत्रों की सुविधा मिल सकेगी।
एग्रो बिहार, 2020 का मुख्य आकर्षण 
ऽ    लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 100 से अधिक स्टाॅल लगाये गये हंै।
ऽ    ड्रोन के कृषि कार्य में उपयोग से संबंधित जीवंत प्रत्यक्षण भी किया जा रहा है।
ऽ    इस मेला में इस बार कृषि यंत्रों के मितव्ययी अभियंत्रण में नवाचार वाले यंत्रों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है, जिन्हें पुरस्कृत भी किया जायेगा।
ऽ    इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
ऽ    यहाँ प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, शक्ति चालित कृषि यंत्र, छोटे-छोटे कृषि यंत्र, संसाधन संरक्षण तकनीक में कृषि यंत्रों की उपयोगिता, प्रसंस्करण एवं भैल्यू एडिशन से संबंधित कृषि यंत्र, सूक्ष्म एवं ड्रिप सिंचाई यंत्र, खरपतवार नियंत्रक व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।
ऽ    किसान पाठशाला में राज्य के सभी जिलों से 600 किसानों को प्रतिदिन आत्मा के माध्यम से लाने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों से लगभग 1000 कृषि यंत्र व्यवसायी भाग लेंगे।
ऽ    कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कृषि मशीनरी परीक्षण केन्द्र के वैज्ञानिकगण भी भाग लेंगे। 
ऽ    राज्य के सभी जिलों में उन्नत कृषि यंत्रों के विक्रेता उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषकों को  यंत्र क्रय करने में कठिनाई होती है। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं बिक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक(B2B Meet & B2G Meet) का आयोजन भी किया जायेगा।
ऽ    स्थानीय बच्चों एवं कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से मेला भ्रमण कराने हेतु उन्हें आमंत्रित किया गया है। 
ऽ    मेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
ऽ    मेले में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।
इस प्रकार, मेला में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, तकनीकी ज्ञान एवं उन्हें अनुदानित दर पर क्रय करने का लाभ एक ही साथ मिलेगा। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा। कोई भी किसान स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। इस प्रकार मेला में किसान भाई-बहन उन्नत एवं आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से संबंधित जानकारी प्राप्त करते हुए उसे क्रय कर अपनी आमदनी एवं जीवन शैली मंे गुणात्मक वृद्धि कर पायेंगे।
इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार, कृषि निदेशक श्री आदेश तितरमारे, विशेष सचिव श्री रवीन्द्र नाथ राय, निदेशक उद्यान श्री नन्द किशोर सहित अन्य पदाधिकारी/कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे।

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