पंचायत कृषि कार्यालय खुल जाने से किसानों को मिल रही योजनाओं की जानकारी -डाॅ॰ प्रेम कुमार

आज माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य के सभी जिलों में पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय के लिए की 1859.04 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। 
माननीय मंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य के सभी 38 जिलों के सभी पंचायतों में कार्यान्वित की जा रही है। राज्य के कुल 8405 पंचायतों में कृषि विकास कार्यों के संपादन हेतु कृषि कार्यालय की स्थापना की गई है। यह पंचायत कृषि कार्यालय 1045 पंचायत सरकार भवनों, 353 ई-किसान भवनों एवं 7007 पंचायत कृषि कार्यालय किराये पर लिये गये भवनों में संचालित किया जा रहा है। पंचायतों में कृषि कार्यालय खुल जाने से राज्य के अन्नदाता किसान भाईयों एवं बहनों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखण्ड अथवा जिला कृषि कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब किसानों को 20-25 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखण्ड/जिला आने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे किसानों का आर्थिक बोझ घटेगा। अब उन्हें अपने ही पंचायत के कृषि कार्यालय में कृषि समन्वयक तथा किसान सलाहकार द्वारा विभागीय योजनाओं का लाभ एवं कार्यक्रमों के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न फसलों के बारे में तकनीकी ज्ञान भी दिया जायेगा। पंचायत कृषि कार्यालय में किसान सलाहकार नियमित रूप से उपस्थित रहेंगे, इसके अतिरिक्त कृषि समन्वयक भी हर सप्ताह में 3-3 दिन प्रत्येक पंचायत कृषि कार्यालय में उपस्थित रह कर अपने कार्यों का सम्पादन करेंगे। 
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय खुल जाने से राज्य के किसानों के बीच कृषि से संबंधित नवीनत्तम तकनीक का त्वरित प्रचार-प्रसार हो पायेगा। कृषि प्रसार तंत्र सुदृढ़ होगा तथा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जमीनी स्तर पर सफल कार्यान्वयन किया जा सकेगा। इसके साथ ही, किसानों को उनके दरवाजे अर्थात् पंचायत अथवा ग्राम स्तर पर कृषि विभाग की योजनाओं का समुचित लाभ मिल पायेगा तथा महात्मा गाँधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना साकार होगी।
 

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