पूसा में कृषि मंत्री ने ई-किसान भवन का किया उद्घाटन, कहा- एप से किसानों को होगा बाजार उपलब्ध

बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने पूसा में शनिवार को ई-किसान भवन का उद्घाटन किया। साथ ही कौशल विकास मिशन के अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण का भी शुभारंभ किया। मीडिया कर्मियों से बात भी कही। कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार के किसानों के लिए अब सरकार एप के माध्यम से पूरे देश एवं विदेश के बाजार भाव की जानकारी उपलब्ध कराएगी। इससे किसानों को उसका उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। किसान अपनी उपज को सही बाजार में बेचकर लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।

 पहले यह सुविधा नही रहने से किसानों को काफी दिक्कत होती थी। लेकिन अब यह नहीं होगा। उन्होंने सामूहिक खेती करने की सलाह देते हुए कहा कि सामूहिक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से काफी मदद की जाती है। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर कौशल विकास मिशन के अंतर्गत पूरे बिहार के युवाओं को प्रशिक्षण कराया जा रहा है। जिससे युवाओं को नवीनतम ज्ञान की जानकारी मिल सके। कृषि के साथ-साथ व्यवसाय से भी जुड़ जाएं। इस प्रशिक्षण में ऐसे ज्ञान दिए जाएंगे। बिहार के कुल 100 गांव से 10000 किसानों का चयन किया गया है, जो बिहार के विभिन्न कृषि संस्थानों में प्रशिक्षण लेंगे।

मंत्री ने कहा कि मौसम के बदलते मिजाज के कारण कृषि काफी प्रभावित हो रही है। इसलिए हमें इस प्रशिक्षण के माध्यम से मौसम के अनुकूल कृषि करने का भी प्रशिक्षण प्राप्त होगा। कृषि मंत्री ने समेकित कृषि प्रणाली पर विशेष बल देते हुए कहा कि किसानों को एक फसल पर नहीं बल्कि कृषि के विभिन्न आयामों जैसे बकरी पालन कुक्कुट पालन, मधुमक्खी पालन, वर्मी कंपोस्ट, उत्पादन गौ पालन, मछली पालन आदि पर भी ध्यान देना चाहिए। बिहार के 38 जिलों में विशेष फसल का चुनाव किया गया है। जिस पर सरकार अधिक फोकस करेगी।

साथ ही उसकी प्रोसेसिंग से लेकर बाजार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी सरकार के स्तर से किया जाएगा। इसी कड़ी में किसानों को एप से जोड़कर फसल का उचित मूल्य उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक प्रखंड में कृषि हित समूह का भी गठन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 26 दिसंबर से अब अनुमंडल स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 76 प्रकार के कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए अभी तक पचासी हजार सात सौ 41 किसानों ने आवेदन दिया है। विभाग की ओर से जल्द ही परमिट जारी किया जाएगा।

कृषि यंत्रों की अधिक कीमत को देखते हुए कृषि यंत्र बैंक बनाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें 10 लाख के कृषि यंत्र पर 8 लाख अनुदान दिया जाएगा। वहीं पच्चीस लाख के कृषि यंत्र बैंक पर 10 लाख का अनुदान, 40 लाख के कृषि यंत्र बैंक पर 16 लाख रुपये का अनुदान सरकार देगी। समूह के माध्यम से किसान कृषि यंत्रीकरण बैंक की स्थापना कर सकते हैं। कृषि को और भी उत्तम बनाने के लिए कृषि विभाग के सभी पदाधिकारियों को एवं सलाहकार समन्वयक को रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से नवीनतम जानकारी भी दी जाएगी।

 उन्होंने कहा कि 534 प्रखंडों में 460 प्रखंडों में किसान भवन बन गया है। बाकी जगहों पर जमीन उपलब्ध होते ही भवन बनाए जाएंगे। सुविधा के लिए अब पंचायत स्तर पर भी पंचायत किसान भवन की स्थापना होगी। मंत्री ने सर्वप्रथम संवाददाताओं से बात करते हुए एक करोड़ 5 लाख से तैयार ई-किसान भवन का उद्घाटन किया एवं विश्वविद्यालय के विद्यापति सभागार में आयोजित कौशल विकास प्रशिक्षण का उद्घाटन भी करते हुए उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया।


यह प्रशिक्षण 10 दिनों तक विश्वविद्यालय में चलेगी। मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.रविनंदन, अनुसंधान निदेशक डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. एनके सिंह सहित एएफसीआई नई दिल्ली के एसके पांडा, डॉ जितेंद्र कुमार, जेडीए दरभंगा मोहम्मद नईम अशरफ, पीडीए समस्तीपुर कृष्ण झा, प्रमुख रविता तिवारी, शिव शंकर चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर सिंह, संजय कुमार सिंह, अशोक पासवान, राम कुमार सिंह, संतोष कुमार सहित दर्जनों नेता एवं कृषि विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे। 

You can share this post!

राज्य को बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाई जा रही है बीज पॉलिसी।

कृषि यांत्रिकीकरण मेला / सिक्किम के बाद देश का दूसरा जैविक राज्य बनेगा बिहार : डॉ. प्रेम