कृषि उष्मायन केन्द्र विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार द्वारा आज कृषि उष्मायन केन्द्र विषय पर होटल लेमन ट्री, पटना में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। 
माननीय मंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष, 2017 में स्टार्ट अप नीति क्रियान्वित की जा रही है, जिसका कृषि उष्मायन केन्द्र एक महत्त्वपूर्ण अवयव है। इसका मुख्य मकसद कृषि में अधिक-से-अधिक उद्यमियों के लिए एक सुधारात्मक नीति तथा मूलभूत सुविधायें प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि युवाओं विशेषकर ग्रामीण युवाओं को कृषि से जोड़ने तथा कृषि आधारित लाभकारी रोजगार पैदा करना, कृषि रोड मैप का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। एक तरफ तेजी से सतत् और समावेशी विकास को प्राप्त करने और दूसरी तरफ ग्रामीण युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कौशल विकास महत्वपूर्ण है। इसके लिए क्षेत्र विशिष्ट और जरूरत आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण की पहचान की जाएगी और संबंधित विभाग/संगठन के माध्यम से समन्वित तरीके से इसके लिए प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का कार्य क्षेत्र को विस्तृत रूप से चिह्नित किया जायेगा, उदाहरणस्वरूप महिला किसानों/मालियों के लिए ग्राफ्टिंग तकनीकों/मातृपौधों की पहचान, कृषि उपकरणों की देखभाल/मरम्मत करना, कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन संचालन से लेकर टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, मशरूम, अंडे उत्पादन इकाइयाँ, जैव-नियंत्रण प्रयोगशाला आदि। पिछले रोड मैप में पाया गया कि कृषि से संबंधित छोटे उद्यमों को वित्त पोषण के लिए व्यावहारिक परियोजना तैयार करने की बाधा प्रमुख समस्याओं में से एक है। वत्र्तमान कृषि रोड मैप में प्रत्येक जिले में ऊष्मायन केंद्र की स्थापना प्रस्तावित है। यह ऊष्मायन केंद्र व्यावहारिक परियोजना की तैयारी बैंकों के साथ वित्तीय संबंधों और ग्रामीण युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेगा, ताकि उनके अभिनव विचारों को व्यावहारिक व्यवसाय प्रस्तावों में बदला जा सके। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कृषि और कृषि आधारित उद्यमों से जोड़ने के लिए एक मंच की सुविधा प्रदान करना है। 
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि बागरी ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के साथ मिलकर कृषि उष्मायन केन्द्र पर इस कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें कृषि विभाग के साथ-साथ राज्य में स्थित कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थान, उद्योग विभाग, सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग, विभिन्न प्रबंधन संस्थान तथा उद्योग संघ के प्रतिनिधिगण एक मंच पर उपस्थित हुए हैं। बिहार विद्यापीठ में अवस्थित अटल ऊष्मायन केंद्र को उनके कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया है। इस कार्याशाला में राज्य में अवस्थित कृषि से जुड़े विभिन्न ऊष्मायन केंद्र से जुड़े प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। वह अपना अनुभव इस कार्यशाला में आये हुए प्रतिभागियों के साथ साझा करेेंगे। 
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि वर्ष, 2022 तक किसानों की आय दुगूनी और प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन हो, इसके लिए कृषि रोड मैप में एक महत्त्वपूर्ण अवयव के रूप में ऊष्मायन केंद्र को रखा गया है। 
इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार, कृषि निदेशक श्री आदेश तितरमारे, राज्य स्थित कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थान, उद्योग विभाग, सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग, विभिन्न प्रबंधन संस्थान तथा उद्योग संघ के प्रतिनिधिगण सहित विभागीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे। 
 

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