बिहार कृषि डायरी, 2019 के लोकार्पण एवं कृषि विस्तार सेवा डिप्लोमा (देसी) के सफल उपादान विक्रेताओं के बीच प्रमाण-पत्र वितरण समारोह का आयोजन

आज माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार सरकार डाॅ॰ प्रेम कुमार द्वारा बिहार कृषि डायरी, 2019 का लोकार्पण एवं मैनेज, हैदराबाद द्वारा संचालित उपादान बिक्रेताओं के लिए कृषि प्रसार सेवाओं में डिप्लोमा (देसी) प्रशिक्षण कार्यक्रम में सफल उपादान बिक्रेताओं के बीच प्रमाण-पत्र का वितरण बामेती, पटना के सभागार में किया गया। 

माननीय मंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि आज कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार कृषि डायरी, 2019 का लोकार्पण किया जा रहा है। इस कृषि डायरी में खाद्यान्न एवं बागवानी फसलों के तकनीकी जानकारी के साथ-साथ प्रत्येक माह में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण कार्यों का वर्णन किया गया है। कृषि डायरी में तकनीकी जानकारी के साथ-साथ विभाग द्वारा संचालित सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं तथा मुख्यालय से जिला स्तर तक के सभी पदाधिकारियों की सूचनाओं को समाहित की गई है। कृषि डायरी के अंतिम पृष्ठ पर फसल अवशेषों के खेतों में न जलाने तथा इससे होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने हेतु संदेश प्रकाशित किया गया है। यह डायरी कृषि विभाग के सभी मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक के पदाधिकारियों एवं प्रसारकर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने अगले वर्ष से कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित इस डायरी को जनवरी माह में ही लोकार्पण कराने का निदेश दिया।

उन्होंने कहा कि आज कृषि के क्षेत्र में किये गये कल्याणकारी एवं सराहनीय कार्यों पर आधारित काॅफी टेबुल का भी लोकार्पण किया गया। इस पुस्तिका में कृषि रोड मैप के लक्ष्य एवं उपलब्धियों को विशेष रूप से दर्शाया गया है। इस काॅफी टेबुल बुक में कृषि के समावेशी विकास में सरकार द्वारा किये गये कार्यों विशेष कर बीज उत्पादन, जैविक खेती, जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य में संधारणीय कृषि आदि को समाहित किया गया है।

माननीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की महत्त्वपूर्ण योजना तथा मैनेज, हैदराबाद द्वारा संचालित उपादान बिक्रेताओं के लिए कृषि प्रसार सेवाओं में डिप्लोमा (देसी) कार्यक्रम की शुरूआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वर्ष 2003 में शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम की शुरूआत करने का उद्देश्य हमारे देश एवं राज्य के किसान भाईयों एवं बहनों को समसामयिक समस्याओं तथा कीट, व्याधि एवं उर्वरकों का संतुलित प्रयोग से संबंधित जानकारी हेतु तकनीकी संस्थान न जाकर अपने आस-पास के कृषि उत्पाद बिक्रेताओं से स्थानीय स्तर पर अपनी समस्याओं का निराकारण कर रोग, कीट एवं उर्वरकों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर अपनी कृषि उत्पादन को बढ़ाने में सहयोग लेते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बिहार को मैनेज, हैदराबाद के माध्यम से 22 देसी कार्यक्रम के लक्ष्यों का आवंटन किया गया है, जिन्हें आज 09 जिलों के लिए एक सम्मिलित रूप में इनपुट डीलर्स का 48 कक्षाओं, जिनमें 40 कक्षा सैद्धांतिक क्लास और 08 क्लास व्यावहारिक क्लास संचालित की गई, जिसमें कुल 320 विषयों पर सैद्धांतिक जानकारी दी गई, जो पौधा प्रजनन, पौधा रोग, कीट-व्याधि, कृषि यंत्र, प्रसार शिक्षा, मृदा, उर्वरक, कृषि बाजार इत्यादि विषयों पर विधिवत् सैद्धांतिक रूप से क्लास चलाई गई। 

उन्होंने कहा कि इन्हंे संचालित करने के लिए हरेक जिलों के लिए एक फैसिलिटेटर का चयन किया गया था, जिसका मासिक वेतन 17,000 रूपये प्रतिमाह है। सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक क्लासों के सफल संचालन के लिए फैसिलिटेटर को दायित्त्व दिया गया था। कृषि इनपुट डीलर का चयन सामान्यतः दो तरीकों से किया गया है। पूर्व से लाईसेंस प्राप्त डीलरों को 10,000 रू0 एवं नए लाईसेंस लेने वाले डीलर के लिए 20,000 रू0 की राशि को लेकर इच्छुक कृषि इनपुट डीलर्स को जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा नामित कर बामेती, बिहार, पटना के माध्यम से मैनेज, हैदराबाद को भेजी गई। इस प्रमाणपत्र के आधार पर देसी कृषि इनपुट डीलर को लाईसेंस बनाने में मदद मिलता है। इस डिग्री के प्राप्त हो जाने के उपरान्त इनपुट डीलर्स अपना लाईसेंस रिन्यूबल/नया लाईसेंस ले सकते हंै। 

इस अवसर पर प्रधान सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री सुधीर कुमार, कृषि निदेशक श्री आदेश तितरमारे, बामेती के निदेशक डाॅ॰ जितेन्द्र प्रसाद, मैनेज हैदराबाद के निदेशक डाॅ॰ एन॰ बालासुब्रहमणी, मैनेज हैदराबाद के सलाहकार श्री डी॰ कोटेशवर राव, सभी जिला के परियोजना निदेशक, आत्मा, 22 फैसिलिटेतर सहित राज्य के 156 सफल उपादान डीलर, जिन्हें प्रमाण-पत्र दिया गया है, उपस्थित थे।


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