एग्रो बिहार, 2019 राज्यस्तरीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का शुभारम्भ

कृषि विभाग, बिहार द्वारा इंडियन चैम्बर आॅफ काॅमर्स (आई॰सी॰सी॰) के सहयोग से गाँधी मैदान, पटना में 9वाँ एग्रो बिहार, 2019 चार दिवसीय राज्यस्तरीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का आयोजन 09-12 फरवरी तक किया जा रहा है। आज डाॅ॰ प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार द्वारा इस मेला का उद्घाटन किया गया। उन्होंने मुख्य मंच से अपने हाथों दुल्हिन बाजार, पटना के किसान श्री राकेश कुमार सिंह को कम्बाईन हार्वेस्टर पर अनुदान चाभी सौंपकर दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुधीर कुमार, प्रधान सचिव, कृषि विभाग, बिहार द्वारा की गई। 

इस अवसर पर कृषि निदेशक श्री आदेश तितरमारे, आई॰सी॰सी॰ के महानिदेशक डाॅ॰ राजीव सिंह, निदेषक उद्यान श्री नन्द किशोर, अपर निदेशक श्री धनन्जयपति त्रिपाठी, नियंत्रक मापा-तौल श्री आदित्य नारायण राय, निदेशक भूमि संरक्षण श्री गुलाब यादव, निदेशक, बामेती डाॅ॰ जितेन्द्र प्रसाद, अखिल भारतीय कृषि यंत्र विनिर्माता संघ के अध्यक्ष श्री बलदेव सिंह अमर, आई॰सी॰सी॰ के निदेशक श्रीमती मधुपर्णा भौमिक, आई॰सी॰सी॰ के श्री बालकृष्ण सिंह, विभागीय एवं आई॰सी॰सी॰ के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण सहित लगभग 7 हजार किसान भाई-बहन उपस्थित थे।

माननीय मंत्री ने कहा कि यह राज्यस्तरीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-मेला वर्ष 2011 से लगातार आयोजित की जाती रही है, जो पूर्वी भारत का सबसे बड़ा यांत्रिकरण मेला है। जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में अनुकूल मौसम नहीं होने की स्थिति में वैज्ञानिक ढंग से खेती करके एवं उन्नत कृषि यंत्रों को अपनाकर फसल के उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। एक फसल की कटनी के बाद दूसरे फसल के बोने के बीच की अवधि का अंतर काफी कम होता है। इस अल्पावधि का सदुपयोग हम उन्नत कृषि यंत्रों एवं उपकरणों को अपनाकर यदि नहीं करते हैं, तो समय पर अगली फसल की बुआई नहीं हो पायेगी, जिससे फसल की उपज एवं उत्पादकता काफी कम हो जायेगी। इस दृष्टिकोण से कृषि कार्यों में कृषि यंत्रों एवं उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग आवश्यक हो गया है। खेती में उन्नत कृषि यंत्रों एवं उपकरणों के उपयोग से समय की बचत के साथ-साथ मानव श्रम एवं पैसे की बचत भी की जा सकती है। इससे फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि तो होती ही है, साथ ही गुणवत्तायुक्त उत्पाद प्राप्त होता है, जिसकी बाजार में कीमत अधिक मिलती है। राज्य सरकार द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19 में कुल 76 प्रकार के विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में यांत्रिकरण साॅफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य के कृषक अपनी सुविधानुसार, कहीं से भी आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं। 

डाॅ॰ कुमार ने कहा कि कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना के अंतर्गत 160.00 करोड़ रूपये का अनुदान किसानों को कृषि यंत्रांे के क्रय पर दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक इस वित्तीय वर्ष में 1,83,300 से अधिक आॅनलाईन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उक्त आवेदनों को विभिन्न स्तर पर आॅनलाईन सत्यापन कर, अब तक 90,000 से अधिक स्वीकृति पत्र निर्गत किये जा चुके हैं। कृषकों के बीच अब तक लगभग 6.7 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जा चुका है तथा अनुदान की राशि डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से सीधे लाभुक कृषक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जा रही है। 

प्रधान सचिव, कृषि विभाग ने एग्रो बिहार प्रदर्शनी-सह-मेला के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि 10 लाख, 25 लाख एवं 40 लाख रूपये की लागत के कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है। इसमें 40 प्रतिशत अनुदान देय है। चयनित ग्रामों में 10 लाख की लागत के कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान देय है।

आज बक्सर, नालन्दा, भोजपुर, गोपालगंज, वैशाली, समस्तीपुर, पटना, जमुई, मुंगेर एवं गया जिले के किसानों के बीच इस मेला में 6 कम्बाईन हार्वेस्टर, 7 रीपर-कम-बाईन्डर, 40 जीरोटिलेज, 3 पावर टीलर, 91 रोटावेटर, 26 थ्रेसर, 7 एम.बी. प्लाऊ, 15 स्ट्रा रीपर/स्ट्रा कम्बाईन, 84 चैफकटर, 4 मिनी रबर राईस मिल, 5 कल्टीवेटर, 140 पम्पसेट, 6 विद्युत मोेटर, 9 पावर स्प्रेयर आदि कृषि यंत्रों के क्रय पर 1,69,77,000 रूपये अनुदान के रूप में वितरित किये गये।

आज किसान पाठशाला में किसानों को बी॰ए॰यू॰ के वैज्ञानिक ई॰ अशोक कुमार द्वारा समेकित कृषि प्रणाली, डाॅ॰ सनोज कुमार द्वारा बागवानी से संबंधित यंत्रों की जानकारी, उपयोगिता एवं प्रयोग विधि तथा ई॰ पंकज कुमार, ई॰ प्रमोद कुमार चैधरी द्वारा कृषि यंत्रों का परिचालन, रखरखाव, उपयोगिता एवं आवश्यक मरम्मति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

मेला परिसर के मुख्य मंच पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के माध्यम से श्री गोविन्द बल्लभ द्वारा लोकगायन, जन चेतना लोक कल्याण समिति, पटना एवं कल्याण लोक समिति, मसौढ़ी द्वारा लोकनृत्य और कृष्ण क्लब, भागलपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों का मन मोह लिया।

एग्रो बिहार, 2019 का मुख्य आकर्षण 

ऽलगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में इस मेला में 100 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।

ऽइस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ भाग ले रहे हैं।

ऽप्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, शक्ति चालित कृषि यंत्र, छोटे-छोटे कृषि यंत्र, संसाधन संरक्षण तकनीक में कृषि यंत्रों की उपयोगिता, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण एवं भैल्यू एडिशन से संबंधित कृषि यंत्र, सूक्ष्म एवं ड्रिप सिंचाई यंत्र, खरपतवार नियंत्रक व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।

ऽराज्य के विभिन्न जिलों से प्रतिदिन 2500 किसानों को आत्मा के माध्यम से सरकारी खर्चे पर मेला में लाने की व्यवस्था की गई है। 

ऽइस मेला में भारत सरकार, राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारीगण एवं वरीय वैज्ञानिकगण भी भाग ले रहे हैं। 

ऽआधुनिक कृषि यंत्रों के अतिरिक्त स्थानीय कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण/भैल्यू एडीसन कर रोजगार का अवसर प्रदान करने वाले छोटे-मंझोले यंत्र भी इस मेला में प्रदर्शित किये गये हैं।

ऽराज्य के सभी जिलों में उन्नत कृषि यंत्रों के विक्रेता उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषकों को यंत्र क्रय करने में कठिनाई होती है। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं बिक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (बी॰ टू बी॰ मीट) का आयोजन भी किया गया है।

ऽयंत्र निर्माताओं/विक्रेताओं की समस्या और उसके निराकरण हेतु बिजनेस-टू-गवर्नमेन्ट (बी॰ टू जी॰ मीट) का भी आयोजन किया जा रहा है।

ऽइस मेला में पहली बार रूफ टाॅप गार्डेनिंगए पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खीपालन, उद्यान, भूमि संरक्षण, बीज, खाद, कीटनाशक दवा आदि से संबंधित प्रदर्शनी एवं स्टाॅल लगाये गए हैं।

ऽस्थानीय बच्चों एवं कृषि महाविद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से मेला भ्रमण करने एवं क्वीज प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु उन्हें आमंत्रित किया  गया है। 

ऽमेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन संध्या में प्रत्येक दिन किया जायेगा।

ऽइस प्रदर्शन में आगंतुकों के लिए बिहारी ब्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।


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