माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के किसानों के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत खेत में जल संचयन एवं कृषि प्रबंधन योजना के लिए आॅनलाईन आवेदन डी॰बी॰टी॰ पोर्टल पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक 495 किसानों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आॅन-लाईन आवेदन किया है। किसानों के द्वारा आवेदन से मुझे आपार प्रसन्ता हो रही है कि राज्य में जल संचयन, पानी का संतुलित उपयोग तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य के किसान काफी जागरूक है।
माननीय मंत्री ने कहा कि खेत में जल संरक्षण से फसल, बागवानी एवं वानिकी विकास कार्यक्रम के तहत वर्षाश्रित/कम पानी वाले क्षेत्रों के व्यक्तिगत किसान अथवा किसान समूह (कृषक उत्पादक संगठन/स्वयं सहायता समूह/किसान हित समूह आदि) को एक एकड़ खेत के लिए यथास्थान जल संरक्षण तथा समेकित कृषि प्रणाली के लिए सहायता दी जायेगी। योजना के लिए पात्रता को दो वर्गो में वर्गीकृत किया गया है। पहला व्यक्तिगत श्रेणी वैसे किसान जो न्यूनतम एक एकड़ भूमि में इस येाजना का क्रियान्वयन करना चाहते हैं। दूसरा सामूहिक श्रेणी, जिसमें छोटे जोत के एक से ज्यादा किसान समूह बनाकर एक एकड़/एक इकाई के लिए इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वैसे समूह जो इस योजना में मात्र जल संचयन की योजना (मेढ़बन्दी) पाॅच हेक्टेयर से अधिक रकवा में एक साथ लेने के लिए इच्छुक हैं, उन्हें शत्-प्रतिशत वास्तविक लागत के अनुरूप अनुदान देय होगा। इस श्रेणी में जीविका समूह एवं एफ॰पी॰ओ॰ को भी लाभ दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि यह योजना एक एकड़ खेत को एक इकाई मानकर कार्यान्वित की जायेगी, जिसमें जल संचयन के चिह्नित 5 माॅडलों में से किसानों द्वारा अपनी इच्छा से किसी एक माॅडल पर कार्य कराया जा सकेगा तथा शेष भूमि में शष्य/उद्यानिक फसल, फलदार वृक्ष, कृषि वानिकी एवं बायो-फेसिंग के रकवा का निर्धारण करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसके लिए आच्छादित रकवा के अनुसार समानुपातिक अनुदान देय होगा। 5 हेक्टेयर से ज्यादा में मात्र मेड़बंदी की योजना कार्यान्वयन समूह में कराया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के कार्यमदों में अनुदान वास्तविक आच्छादन की सीमा के अंतर्गत होगा, जिसकी अधिकत्तम सीमा प्रति इकाई के लिए 75,500 रूपये तक होगी। एक किसान को अधिकत्तम एक एकड़ के लिए ही अनुदान देय होगा। अनुदान की राशि का भुगतान लाभार्थियों को बैंक लिंक्ड खाते में अंतरित किया जायेगा। एक एकड़ के लिए समूह की स्थिति में जल-संचयन की योजना का लाभ उस भू-धारी किसान को दिया जायेगा, जिनकी खेत में वह अवस्थित होगा, शेष किसानों को प्रोराटा आधार पर अनुदान का भुगतान किया जायेगा। यह योजना वर्ष 2019-20 में 10 हजार एकड़ के लिए निर्धारित की गई है। योजना में किसान माॅडल का चयन करने में स्वतंत्र होंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है।
डाॅ॰ कुमार ने कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन से किसानों के फसलों के सिंचाई करने में सुविधा होगी तथा भू-जल स्तर में सुधार होगा। इससे फसल के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं किसानों की आमदनी बढ़ेगी।