एग्रो बिहार मेला किसान भाई-बहनों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक -डाॅ॰ प्रेम कुमार

माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि इजरायल की कम्पनी द्वारा एक तकनीक को विकसित कर सूक्ष्म सिंचाई के लिए एक ऐसा यंत्र बनाया गया है, जिससे सेटेलाईट के माध्यम से खेतों में आवश्यकतानुसार सिंचाई की जाती है। इससे जल की बचत होती है। साथ ही, फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि भी होती है। इस मेला-सह-प्रदर्शनी में इजरायल की कम्पनी द्वारा इस यंत्र को प्रदर्शित करते हुए किसानों को इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जिसे किसानों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। एग्रो बिहार मेला में पहली बार एक कम्पनी द्वारा गियर वाला रोटावेटर को प्रदर्शित किया जा रहा है। अब किसान को ट्रैक्टर को पी॰टी॰ओ॰ आर॰पी॰एम॰ से रोटावेटर को मैच कराने के लिए रोटावेटर के गियर बाॅक्स को खोले बगैर इसे एडजस्ट करने की सुविधा मिलेगी। इस प्रदर्शनी में उपलब्ध कृषि यंत्रों में एक मुख्य आकर्षण मल्टीक्राॅप हार्वेस्टर है, जिससे 6 प्रकार के फसलों यथा धान, गेहूँ, चना, मसूर, मक्का एवं सरसों की कटाई की जाती है। इस मेला में कैटल फिड बनाने हेतु मिक्सर मशीन एवं फसल अवशेष से प्लेट बनाने की मशीन को मेला में पहली बार प्रदर्शित किया गया है, जो किसानों के लिए काफी उपयोगी एवं आय को बढ़ायेगा। मेला में एक कम्पनी द्वारा पावर वीडर को रीपर के तौर पर भी उपयोग करने हेतु मशीन में व्यवस्था प्रदान की गई है, जिससे किसान एक ही मशीन से जुताई, खर-परवार नियंत्रण एवं फसल की कटाई का कार्य ले सकते हैं। सिंचाई पंप सेट के आॅटोमेशन हेतु भी कई तरह के उपकरण मेला में प्रदर्शित किया गया है। इसे किसान अपनी इच्छानुसार घर बैठे अपने मोबाईल के माध्यम से पंपसेट को आॅन-आॅफ या निश्चित समय का टाईमर सेट कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान आटा/सत्तू/बेसन/ मसाला चक्की, राईस मिल आदि मशीनों से अपने उत्पाद का मूल्य संवर्द्धन कर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। 
माननीय मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर क्वीज कराया गया, जिसमें राज्य के प्रत्येक जिला से तीन-तीन कृषि समन्वयकगण भाग लिये। इस प्रतियोगिता में पटना जिला को प्रथम पुरस्कार, गया जिला द्वितीय पुरस्कार तथा अरवल जिला को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। इन्हें पुरस्कारस्वरूप प्रमाण-पत्र एवं ट्राॅफी प्रदान किया गया। इस क्वीज का संचालन संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण श्री सुधीर कुमार मिश्रा, उप निदेशक (रसायन), केन्द्रीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला श्री संजय कुमार सिंह तथा उप निदेशक (शष्य), बीज निरीक्षण श्री सनत कुमार जयपुरियार द्वारा किया गया। इस कार्य में सहायक निदेशक श्री राजीव रंजन, श्रीमती अंकिता कुमारी तथा कृषि समन्वयक श्री रंजीत कुमार, श्री पीयूष कुमार, श्रीमती दीपिका कुमारी द्वारा सहयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि नालन्दा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय के 40 छात्र/छात्राओं ने ई॰ मनीष कुमार, सहायक प्राध्यापक, कृषि अंभियत्रण के नेतृत्व में इस मेला का परिभम्रण कर आधुनिक कृषि यंत्रों खासकर उद्यानिक फसलों के लिए आधुनिक यंत्रों को देखा एवं उसकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी लिया। 
उन्होंने कहा कि गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार द्वारा आई॰सी॰सी॰ के सहयोग से आयोजित एग्रो बिहार, 2020 राष्ट्रीय कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला का आज तीसरा दिन है। इन तीन दिनों में राज्य के किसान भाई-बहन बड़ी मात्रा में पूरे जिज्ञासा एवं उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। किसान भाई-बहन द्वारा इस मेला में विभिन्न प्रकार के बड़े एवं छोटे कृषि यत्रों की खरीददारी बड़ी मात्रा में गई है। सरकार द्वारा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है। इस मेला में किचेन गार्डेन के उपयोग में आने वाले छोटे कृषि यंत्रों से लेकर कम्र्बाइंड हार्वेस्टर तक बड़े यंत्र उपलब्ध हंै। यह मेला किसान भाई-बहनों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक सिद्ध हो रहा है। कल इस मेला का आखिरी दिन है, इसलिए राज्य के किसान भाइयों एवं बहनों से अपील है कि इस प्रदर्शनी में आकर इसका लाभ उठायें।
उन्होंने कहा कि तीन दिनों में इस मेला में राज्य के किसानों के बीच अब तक 21 एस॰एम॰एस॰ (स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम), 5 सुपर सीडर, 21 रोटरी मल्चर, 18 स्ट्राॅ बेलर विदाउट रैक, 8 हैप्पी सीडर, 20 हाई कैपेसिटी मल्टीक्राॅप थ्रेसर, 23 कम्बाईन हार्वेस्टर, 146 रीपर-कम-बाईन्डर, 56 जीरोटिलेज, 34 पावर टीलर, 563 रोटावेटर, 161 थ्रेसर, 78 मल्टीक्राॅप थ्रेसर, 71 पैडी थ्रेसर, 10 सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, 53 स्ट्रा रीपर/स्ट्रा कम्बाईन, 407 चैफकटर, 5 मिनी रबर राईस मिल, 233 कल्टीवेटर, 1040 पम्पसेट, 3 पोटैटो प्लांटर, 5796 यूनिट सिंचाई पाईप, 3 पावर बीडर, 6 बुम स्प्रेयर, 355 स्प्रेयर, 162 डिस्क हैरो, 34 इलेक्ट्रिक मोटर आदि कृषि यंत्रों के क्रय पर 11,96,39,000 रूपये अनुदान के रूप में वितरित किये गये, जिसमें आज 4,33,08,500 रूपये अनुदान दिये गये।
आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 24 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से सरकारी खर्चे पर आज इस मेला में 13 जिले यथा- पटना के 170, भागलपुर के 340, बाँका के 230, मुँगेर के 190, बेगूसराय के 375, खगड़िया के 150, लखीसराय के 150, शेखपुरा के 130, जमुई के 210, पूर्णियाँ के 290, कटिहार के 340, अररिया के 195 तथा किशनगंज के 150 यानि कुल 2,920 किसानों को भ्रमण पर लाया गया। इस मेले में किसी तरह का प्रवेष शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। इस मेला-सह-प्रदर्षनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्षन किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।
संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। 
एग्रो बिहार, 2020 का मुख्य आकर्षण 
    लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 100 से अधिक स्टाॅल लगाये गये हंै।
    इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
    यहाँ प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, शक्ति चालित कृषि यंत्र, छोटे-छोटे कृषि यंत्र, संसाधन संरक्षण तकनीक में कृषि यंत्रों की उपयोगिता, प्रसंस्करण एवं भैल्यू एडिशन से संबंधित कृषि यंत्र, सूक्ष्म एवं ड्रिप सिंचाई यंत्र, खरपतवार नियंत्रक व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
    किसान पाठशाला में राज्य के किसानों को प्रतिदिन प्रशिक्षित किया जा रहा है।
    राज्य के सभी जिलों में उन्नत कृषि यंत्रों के विक्रेता उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषकों को  यंत्र क्रय करने में कठिनाई होती है। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं बिक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक ;ठ2ठ डममज - ठ2ळ डममजद्ध का आयोजन भी किया जायेगा।
    स्थानीय बच्चों एवं कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से मेला भ्रमण कराने हेतु उन्हें आमंत्रित किया गया है। 
    मेला परिसर में मुख्य मंच पर प्रत्येक दिन संध्या में कृषकों/दर्शकों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
    मेले में बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।
 

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