माननीय मंतà¥à¤°à¥€, कृषि विà¤à¤¾à¤—, बिहार डाॅ॰ पà¥à¤°à¥‡à¤® कà¥à¤®à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गया से वीडियो काॅनà¥à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚सिंग के माधà¥à¤¯à¤® से विशà¥à¤µ दलहन दिवस के अवसर पर बामेती, पटना में आयोजित राजà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया गया।
माननीय मंतà¥à¤°à¥€ ने इस अवसर पर अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि देश में दलहनी फसलों के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¤¤à¤¾ को सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¤µà¤‚ टिकाऊ रूप से बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ तथा इसकी खेती को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से कृषि à¤à¤µà¤‚ किसान कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯, à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· 10 फरवरी को विशà¥à¤µ दलहन दिवस मनाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया गया है। इसी कड़ी में, आज बिहार में राजà¥à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर विशà¥à¤µ दलहन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जैसा कि हम सà¤à¥€ जानते हैं कि दाल, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¤¨ का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पोषक ततà¥à¤µ है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि खादà¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ मृदा की उरà¥à¤µà¤°à¤¤à¤¾ को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में दलहनी फसलों की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका होती है। इसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ पोषक ततà¥à¤µ के रूप में पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ के अतिरिकà¥à¤¤ विटामिन बी à¤à¤µà¤‚ कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤ˆà¤¡à¥‡ªà¥‡à¤Ÿ के साथ-साथ खनिज लवण के रूप में कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, आयरन, पोटैशियम à¤à¤µà¤‚ जिंक की पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ पाई जाती है, जो मानव सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से काफी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। दाल में घà¥à¤²à¤¨à¤¶à¥€à¤² à¤à¤µà¤‚ अघà¥à¤²à¤¨à¤¶à¥€à¤² रेशा à¤à¥€ पाया जाता है। घà¥à¤²à¤¨à¤¶à¥€à¤² रेशा जहाठबà¥à¤²à¤¡ काॅलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¥…ल à¤à¤µà¤‚ बà¥à¤²à¤¡ सà¥à¤—र के सà¥à¤¤à¤° कोे कम करता है वहीं, अघà¥à¤²à¤¨à¤¶à¥€à¤² रेशा à¤à¥‹à¤œà¤¨ को नियमित रूप से पचाने में मदद करता है। दाल का सेवन करने सेे अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की गंà¤à¥€à¤° बीमारियों जैसे कैंसर, मधà¥à¤®à¥‡à¤¹, हृदय रोग आदि से छूटकारा मिलता है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दलहनी फसलों के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤µà¤‚ खपत के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से बिहार à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– राजà¥à¤¯ है। देश में दलहन के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में, बिहार का 9वाठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। हमलोग इसे बेहतर करने की दिशा में कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। दलहनी फसल के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में कृषि विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की योजनायें चलाई जा रही हैं। साथ ही, किसानों को वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• तरीके से दलहन उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठतकनीकी जानकारी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जा रही है। राजà¥à¤¯ में दलहनी फसलों के बीज की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤°à¥‚प समय पर उपलबà¥à¤§ कराने की दिशा में कारà¥à¤¯ किया जा रहा है। इसके लिठदलहन उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ बहà¥à¤² कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में दलहनी फसलों के बीज उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया जा रहा है। इसके उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठ5 हजार रूपये पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कà¥à¤µà¤¿à¤‚टल अतिरिकà¥à¤¤ सहायता राशि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ किया गया है। राजà¥à¤¯ अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कृषि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚, कृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ कृषि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मौसम के अनà¥à¤•à¥‚ल खेती कर दाल की कई पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को विकसित करने का कारà¥à¤¯ किया जा रहा है, जिसका उपयोग करके दलहनी फसलों के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¤¤à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿ लायी जा सकती है। यह राजà¥à¤¯ की अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को सà¥à¤¦à¥ƒà¥ करने में मददगार साबित होगा।
डाॅ॰ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि दलहनी फसलों में वैसे तो सिंचाई की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ कम होती है, परनà¥à¤¤à¥ यदि सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤‚कलर के माधà¥à¤¯à¤® से हलà¥à¤•à¥€ सिंचाई कर दी जाये, तो उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ काफी बॠसकता है। सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤‚कलर पर 75 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ का अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ दिया जा रहा है। बिहार में टाल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में दलहनी फसल उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ की असीम समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ है। इसलिठहमलोग टाल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को दलहन के लिठà¤à¤• विशेष कलसà¥à¤Ÿà¤° के रूप में विकसित करने की दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे हैं। टाल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के सà¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ समाधान के दिशा में ठोस पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किये जा रहे हैं, जिसका परिणाम बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦ दिखने लगेगा। टाल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ सहित दलहन उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में दलहनी फसलों पर लगने वाले कीट-वà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रोकथाम हेतॠसà¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जायेगी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ घोषित नà¥à¤¯à¥‚नतà¥à¤¤à¤® समरà¥à¤¥à¤¨ मूलà¥à¤¯ पर राजà¥à¤¯ में दलहन कà¥à¤°à¤¯ करने हेतॠसारà¥à¤¥à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किये जा रहे हैं। केनà¥à¤¦à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ राजà¥à¤¯ की सरकार किसानों के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास के लिठपूरी तरह से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ होकर कारà¥à¤¯ कर रही है। कृषि के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में ठोस रणनीति बनाकर कारà¥à¤¯ किये जा रहे हैं। सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मौसम के अनà¥à¤•à¥‚ल कृषि, कम पानी में अधिक फसल उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨, समà¥à¤šà¤¿à¤¤ बाजार की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾, फसल सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के बेहतर इंतजाम तथा कृषि में आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¥à¤¤à¤® तकनीकों का उपयोग करने के लिठकारà¥à¤¯ किया जा रहा है।
इस अवसर पर संयà¥à¤•à¥à¤¤ निदेशक (रसायन), कमà¥à¤ªà¥‹à¤¸à¥à¤Ÿ à¤à¤µà¤‚ बायोगैस शà¥à¤°à¥€ बैंकटेश नारायण सिंह, à¤à¥‹à¤²à¤¾ पासवान शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ कृषि महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ के विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डाॅ॰ à¤à¤¸à¥°à¤ªà¥€à¥° सिनà¥à¤¹à¤¾, कृषि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, पटना के कृषि वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डाॅ॰ निखत यासà¥à¤®à¥€à¤¨ आजमी à¤à¤µà¤‚ डाॅ॰ शिवनाथ दास सहित पटना, वैशाली, जहानाबाद, à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤°, नालंदा तथा गया जिला के बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में किसान à¤à¤¾à¤ˆ-बहन उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।